CG ELECTION NEWS:बिलासपुर।बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा सीट में अब तक केवल तीन चुनाव हुए हैं । 2008 में बेलतरा विधानसभा अस्तित्व में आया ।इसके पहले यह सीट सीपत विधानसभा के नाम से जाना जाता था । बेलतरा विधानसभा का अस्तित्व में आने के बाद तीनों बार भाजपा का बोलबाला रहा। हालांकि इससे पहले जब सीपत विधानसभा सीट थी तब भी कांग्रेस का दबदबा रहा है।
1977 में पहली बार परिसीमन के बाद सीपत विधानसभा का चुनाव हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस के राधेश्याम शुक्ला ने जीत हासिल किया। दूसरा चुनाव 1980 में हुआ पुनः कांग्रेस के राधेश्याम शुक्ला ने जीत दर्ज किया। 1985 में कांग्रेस के अरुण तिवारी ने जीत हासिल की । 1993 में कांग्रेस के चंद्र प्रकाश बाजपेई ने जीत दर्ज किया। विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान चार बार भाजपा से विधायक रहे दो बार सीपत विधानसभा और दो बार बेलतरा विधानसभा से जीत दर्ज किया इस तरह 1977 से 2018 तक के चुनाव परिणाम को देखा जाए तो 8 बार ब्राह्मण विधायक चुना गया है। अभी हाल ही में ब्राम्हणों का सम्मेलन बिलासपुर में हुआ है । जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उपस्थित थे ।जिसे लेकर ब्राम्हणों में काफी उत्साह देखा जा रहा है और उम्मीद भी की जा रही है कि कांग्रेस पार्टी इस बार ब्राह्मण को टिकट दे सकती है। बिलासपुर और बेलतरा विधानसभा सीट सटे हुए हैं . दोनों सीटों पर इसका फ़ायदा मिल सकता है।
2023 चुनाव की बात करें तो स्थानीय और जातिकरण का बोलबाला नजर आ रहा है । इस बार के चुनाव में संगठनात्मक लोगों का भी कहना है कि स्थानीय और मिलनसार नेता को ही टिकट दिया जाना चाहिए । क्षेत्र के मतदाताओं का भी यही रुख ।है साफ तौर पर लोगों का मानना है कि स्थानीय नेता ही क्षेत्र का विकास और लोगों का दुख समझ सकता है।
स्थानीय लोगों ने भी दावेदारी प्रस्तुत की है । जिसमें सभी वर्ग के लोग शामिल है । देखना होगा कांग्रेस पार्टी पिछले सभी विधानसभा चुनाव ( जिसमें सीपत और बेलतरा विधानसभा शामिल हैं ) के चुनावी परिणाम की गणना व अध्ययन करते हुए इस बार किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। क्योंकि बेलतरा विधानसभा शहर से लगा हुआ है ।इसलिए बिलासपुर विधानसभा का भी कनेक्शन बेलतरा विधानसभा से जुड़ा हुआ है । बिलासपुर विधानसभा से शैलेश पांडे की उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है जो बेलतरा विधानसभा के दावेदार से जुड़ा हुआ रहेगा।
1993 के बाद से कांग्रेस को नहीं मिली जीत
पहले सीपत और अब बेलतरा विधानसभा सीट के चुनवी समीकरण पर नज़र डालें तो यह दिलचस्प तस्वीर भी सामने आती है कि यहां कांग्रेस को 1993 के चुनाव के बाद से जीत हासिल नहीं हुई है। 1993 में ब्राह्मण समुदाय से ही चंद्र प्रकाश बाजपेयी कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए थे । बेलतरा सीट के अस्तित्व में आने के बाद तो यहां से कांग्रेस को एक बार भी जीत हासिल नहीं हुई । इस बीच कांग्रेस की ओर से जातीय समीकरण के हिसाब़ से कई प्रयोग किए गए । लेकिन कोई भी प्रयोग कामयाब़ नहीं हो सका। बेलतरा सीट से ब्राह्मण समुदाय से किसी को टिकट दिए जाने की वकालत करने वालों की यह दलील भी मज़बूत मानी जा सकती है कि बीजेपी की टिकट पर चार बार सीपत –बेलतरा से विधायक चुने गए कद्दावर नेता ब्रदीधऱ दीवान को उनकी अपनी पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोगों के अलावा अन्य विचारधारा के समर्थक ब्राह्मण समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिलता रहा है। जिससे उनकी जीत का मज़बूत आधार बनता रहा।इस फ़ार्मूले के मद्देनज़र अगर कांग्रेस की ओर से इस बार ब्राह्मण उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया तो समीकरण बदल सकते हैं।
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