बिलासपुर। पिछले 5 वर्षों से प्रक्रियाधीन सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के फिजिकल टेस्ट से छूट देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता महिला अभ्यर्थी ने गर्भवती होने के आधार पर फिजिकल टेस्ट में शामिल होने से छूट देने की मांग की है। जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को एक पद खाली रखने के निर्देश दिए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई अगले माह के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
रोशनी केरकेट्टा नाम के महिला अभ्यर्थी ने अपने अधिवक्ता शाल्विक तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की है। याचिका में याचिकाकर्ता ने बताया है कि जब 2018 में उसने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन भरा था, उस समय वह अविवाहित थी। जिसके बाद लगातार भर्ती प्रक्रिया टलती गई और अब 5 साल बाद भर्ती भी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। अभी भर्ती प्रक्रिया के चरणों में फिजिकल टेस्ट होने हैं। इस दौरान उसकी शादी हो गई और वह गर्भवती हो गई। वर्तमान में याचिकाकर्ता महिला अभ्यर्थी 6 महीने की गर्भवती है और उसकी डिलीवरी की अपेक्षित तारीख नवंबर 2023 के आसपास है। महिला अभ्यर्थी ने प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है। पर अब गर्भावस्था के चलते वह शारीरिक परीक्षण में शामिल होने के लिए असमर्थ है।
अपनी स्थिति को देखते हुए रोशनी केरकेट्टा ने अधिकारियों से शारीरिक परीक्षण को बाद की तारीख के लिए स्थगित करने का औपचारिक अनुरोध किया था। लेकिन उसे सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद उसने 24 जुलाई 2023 को होने वाली शारीरिक मानक परीक्षण को 6 महीने के लिए स्थगित करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दो उल्लेखनीय कानूनी उदाहरणों का हवाला दिया। जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की स्थिति को देखते हुए शारीरिक मानक परीक्षा/ दक्षता परीक्षा को स्थगित करने की अनुमति दी थी। जस्टिस पी सैम कोशी की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। जिसमें उन्होंने सरकार को एक पद रिक्त रखने के लिए निर्देश दिए है इसके अलावा अदालत ने प्रतिभागियों को 2 हफ्ते के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले को 29 अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह के दौरान आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।