CG NEWS:( चुनाव डेस्क) लोरमी के विधायक और छत्तीसगढ़ के प्रमुख नेताओं में से एक धरमजीत सिंह अब बीजेपी में हैं। पिछले महीनों में जब वे बीजेपी में शामिल हुए तो लम्बे समय से सूब़े की सियासी फ़िज़ां में तैर रहे सवाल का जवाब़ लोगों को मिल गया था । लेकिन अब भी यह सवाल अपनी जगह पर कायम है कि पहले कई बार चुनाव जीत चुके धरमजीत सिंह क्या 2023 का चुनाव लड़ेंगे और अगर लड़ेंगे तो उनकी सीट कौन सी होगी …? बिलासपुर इलाक़े में विधानसभा की कई ऐसी सीटें हैं,जिनके साथ धरमजीत सिंह का नाम जोड़कर देखा जा रहा है। इसे लेकर अटकलों का दौर तब तक ज़ारी ही रहेगा, जब तक कि उम्मीदवारों की लिस्ट सामने नहीं आ जाती।
छत्तीसगढ़ की सियासत में धरमजीत सिंह अपनी अलग पहचान रखते हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर में कभी कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल के बेहद करीब़ी रहे धरमजीत सिंह लोरमी सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद वे तब के मुख्यमंत्री अजीत जोगी के साथ जुड़े । तब उन्हे छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। वे इसके बाद से लगातार अजीत जोगी के करीब़ी बने रहे। यहां तक कि 2018 के चुनाव के पहले जब अजीत जोगी ने अलग पार्टी बनाई तो भी उन्होने साथ नहीं छोड़ा । 2018 में वे जोगी कांग्रेस की टिकट पर लोरमी से विधायक चुने गए।लेकिन अजीत जोगी के निधन के बाद बदले हुए हालात में वे जोगी कांग्रेस से अलग हो गए।तब से इस सवाल को लेकर अटकलों का दौर ज़ारी रहा कि धरमजीत सिंह अब किस पार्टी में शामिल होने वाले हैं। कुछ समय पहले बीजेपी में शामिल होकर उन्होने अटकलों पर विराम लगा दिया। लेकिन अब भी यह सवाल कायम है कि क्या धरमजीत सिंह इस बार भी चुनाव लड़ेंगे और उनकी सीट कौन सी होगी..?
सियासी हलकों में माना जा रहा है कि धरमजीत सिंह का चुनाव लड़ना करीब़ तय है।बीजेपी में आने के बाद से पार्टी में उन्हे लगातार अहमियत मिल रही है और बड़े नेता के तौर पर उन्हे पेश किया जा रहा है। ख़ास तौर से परिवर्तन यात्रा के दौरान वे कई ज़गह शामिल होते रहे हैं और उनके भाषणों की चर्चा भी होती रही है। जिससे एक संदेश तो साफ़ है कि बीजेपी धरमजीत सिंह को किसी सीट से चुनाव मैदान में उतारने ता मन बना चुकी है। जहां तक उनकी पसंद की सीट का सवाल है, ज़ाहिर सी बात है कि सबसे पहले लोरमी सीट का ही नाम आता है । जहां से वे कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर इस बार कांग्रेस की ओर से भी कोई बड़ा नाम सामने नहीं आ रहा है। लिहाज़ा धरमजीत सिंह की पुरानी सीट पर इस बार भी स्थिति मज़बूत मानी जा रही है। लेकिन दूसरी तरफ़ ऐसा मानने वाले लोग भी हैं कि बीजेपी लोरमी सीट से साहू समाज से किसी उम्मीदवार को मैदान में उतारकर इस सीट पर कब्जा कर सकती है और ऐसे में धरमजीत सिंह जैसे कद्दावर नेता को किसी दूसरी सीट पर पेश कर वहां भी जीत सुनिश्चित की जा सकती है।
अगर बीजेपी यह रणनीति अपनाती है तो धरमजीत सिंह को उनके पुराने गृहक्षेत्र पंडरिया से भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है।पिछले परिसीमन से पहले तक पंडरिया भी लोरमी विधानसभा क्षेत्र में शामिल रहा है। इस इलाक़े में पुराने समर्थक अब भी उनके साथ हैं और समर्थकों की ऐसी टीम है, जो उन्हे उम्मीदवार के रूप में देखना चाह रहे हैं। लोगोँ को याद है कि धरमजीत सिंह ने पंडरिया इलाक़े के दूरस्थ अंचल सिंदूरखार का दौरा किया था । वहां जुटी भीड़ का उत्साह देखकर भी लोगों को लगा था कि धरमजीत सिंह अगले चुनाव में पंडरिया सीट से मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन कुर्मी समाज की बड़ी आब़ादी वाले पंडरिया इलाक़े के समीकरण को देखते हुए बीजेपी क्या फ़ैसला करती है, यह आने वाला समया ही बताएगा।
ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है, जो मानकर चल रहे हैं कि धरमजीत सिंह को तखतपुर सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। लोरमी विधानसभा सीट से लगे हुए इस इलाक़े में भी धरमजीत सिंह का अपना पुराना संपर्क है।इस इलाक़े में भी उनके पुराने समर्थक रहे हैं। जिनके बीच उनका जीवंत संपर्क भी बना हुआ है। ऐसे में अगर पार्टी उन्हे अपना उम्मीदवार बनाती है तो लोग उन्हे एक बड़े चेहरे के तौर पर देखेंगे। हालांकि तखतपुर में पिछला चुनाव हारने के बाद भी हर्षिता पांडेय ने इलाक़े में अपनी सक्रियता लगातार बनाए रखी। इलाके की समस्याओं को लेकर आंदोलन से लेकर लोगों के सुख-दुख में हिस्सेदारी तक तखतपुर इलाके के लोगों ने हर्षिता पांडेय को अपने साथ पाया है। उन्होने अपने पिता स्व.मनहरण लाल पांडेय की विरासत को लगातार आगे बढ़ाने की कोशिश की है। स्व. मनहरण लाल पांडेय के दौर के पुराने जनसंघी और भाजपाई कार्यकर्ता परिवारों के साथ भी उनका तालमेल आज भी बना हुआ है। लोग यह कहते हुए भी मिल जाएंगे कि जब आज़ के समय में राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी की बात हो रही है…। ऐसे समय में क्या बीजेपी हर्षिता पांडेय के रूप में अपनी सक्रिय नेत्री की ज़गह पर किसी और उम्मीदवार बनाने का फ़ैसला कर सकती है ?
इस तरह धीरे-धीरे बन रहे चुनावी माहौल के बीच अटकलों का दौर चल रहा है। सीटें कई हैं और धरमजीत सिंह कई सीटों के बीच चर्चा के केन्द्र बिंदु बने हुए हैं। फ़िलहाल केवल यही ख़बरें आ रहीं हैं कि टिकट को लेकर मंथन पर मंथन ज़ारी है। छन-छन कर आ रही ऐसे ही मंथन की ख़ब़रों के बीच लोग अपनी अटकलों को भी जोड़कर महज़ क़यास ही लगा रहे हैं। यह क़यासबाज़ी तभी रुकेगी जब उम्मीदवारों की लिस्ट लोगों के सामने आ जाएगी…।
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