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CG NEWS:विस सत्र – पहले सवाल पर गरमा-गरम बहस, धरमलाल कौशिक ने घेरा… चावल घोटाले की जांच करेगी विस कमेटी

CG NEWS:रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पहले सवाल में सत्ता पक्ष के विधायक ने अपनी ही सरकार के मंत्री को सवालों में घेर लिया और पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए चावल घोटाले को लेकर कार्रवाई की घोषणा भी कर ली। इस दौरान सत्ता और विपक्ष के विधायकों के बीच गरमा गरम बहस हुई। आख़िर मंत्री ने सदन में ऐलान किया कि चांवल घोटाले की जांच विधानसभा की कमेटी स कराई जाएगी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक का पहला सवाल चर्चा में आया। उनका सवाल छत्तीसगढ़ में गरीबों के चावल को लेकर पिछली सरकार के कार्काल में  हुई घपलेबाजी से जुड़ा था। उन्होंने पूछा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 17 मार्च 2023 को विधानसभा में चर्चा के दौरान तब के मंत्री ने कहा था कि 24 मार्च 2023 तक परीक्षण कर जानकारी दी जाएगी। क्या उसके अनुरूप परीक्षण और जांच का काम पूरा हो चुका है। जांच किसने की। परीक्षण या जांच रिपोर्ट कब पेश की गई और इसके क्या निष्कर्ष थे। कितनी दुकानों का भौतिक सत्यापन किया गया। इन जांच – सत्यापन में कुल कितनी दुकानों में चावल, चना, शक्कर के संबंध में स्टॉक आवक -जावक, वितरण और  शेष से संबंधित अनियमितता या अंतर पाया गया था। जिलेवार दुकान संख्यावार, मात्रावार, सामग्रीवार और राशिवार जानकारी उन्होंने मांगी थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि कितनी दुकानों को भौतिक सत्यापन के बाद नोटिस जारी किया गया। कितने को निलंबित और निरस्त किया गया। कितने दुकानदारों और विभागीय कर्मियों को खिलाफ पुलिस या विभाग की जांच प्रारंभ की गई है। उन्होंने इसकी जिलेवार जानकारी मांगी थी ।  साथ ही कहा था कि क्या केंद्र सरकार के द्वारा इस या पिछले वित्तीय वर्ष में भेजे गए अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ में पीडीएस चावल और अन्य खाद्य संबंधी जांच परीक्षण किया गया है। यदि हां तो कब किसके द्वारा किया गया तथा जांच के निष्कर्ष क्या थे।

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की ओर से इस पर लिखित उत्तर आ गया था कि उचित मूल्य दुकानों के माह दिसंबर 2022 से बचत स्टॉक का सत्यापन खाद्य निरीक्षक की ओर से किया गया। जांच रिपोर्ट दिसंबर 2022 से मैं 2023 के दौरान प्रस्तुत किया गया। प्रदेश की कुल 13392 उचित मूल्य दुकान का भौतिक सत्यापन किया गया। जांच के उपरांत दुकानों में जितनी राशन सामग्री के स्टाफ में कमी पाई गई थी ,उसकी जानकारी भी उन्होंने मुहैया कराई। उन्होंने सवाल के जवाब में बताया कि भारत सरकार खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के उप सचिव एस आर मीणा ,राजेश कुमार पांढीर अवर सचिव के जांच दल की ओर से 10 मई 2023 से 12 मई 2023 और 14 जुलाई 2023 से 27 जुलाई 2023 तक छत्तीसगढ़ राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सितंबर 2023 की स्थिति में उचित मूल्य दुकानों के भौतिक सत्यापन के संबंध में जांच परीक्षण किया गया। जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसलिए इस संबंध में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है । इस संबंध में केंद्र सरकार से प्राप्त 6 जून 2030 के पत्र में सभी उचित मूल्य दुकानों में ई- पास मशीन स्थापित किए जाने, दुकान से राशन सामग्री के दुरुपयोग पर नियंत्रण हेतु कार्य योजना बनाने, पीडीएस राशन सामग्री के परिवहन तथा वितरण हेतु दुकानों की निगरानी तथा उचित मूल्य दुकानों की निगरानी समितियां की नियमित बैठक आयोजित करने के साथ ही पीडीएस इस स्टॉक की अनियमित की स्थिति में संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई करने के मुख्य निर्देश दिए गए हैं ।

मंत्री की ओर से दिए गए जवाब को लेकर धरमलाल कौशिक ने कहा कि वे पूछना चाहते हैं  कि उस दौरान पाई गई अनियमितताओं  को लेकर जिम्मेदार लोगों की के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। तीखी बहस के बीच उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में  200 करोड़ का चावल घोटाला हुआ है। यह गरीबों से संबंधित मामला है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी दोषी अफसर / कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात रखी। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की मांग के अनुरूप केंद्र सरकार ने चावल मुहैया कराया था। लेकिन वह चावल लोगों के बीच नहीं बंटा। चावल कहा गया है यह सवाल अब भी कायम है। उन्होंने कहा कि खाद्य अधिकारियों ने दुकानों का  ऑडिट भी नहीं किया। गरीबों का चावल छत्तीसगढ़ को मिला , वह कहां गया इस बात की जांच भी होनी चाहिए और मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।

इस पर मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि 227 दुकानेम निलंबित की गई थी और 181 दुकानों को निरस्त किया गया था। राशन दुकान चलाने वाले 24 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई। भारी शोर शराबे के बाद खाद्य मंत्री ने स्वीकार किया कि इस अनियमित को लेकर कार्रवाई की जाएगी। बीच में उन्होंने यह भी कहा कि यह मेरे कार्यकाल का नहीं है। इस पर स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कहा कि कार्यकाल किसी का भी हो मंत्री मंत्री होता है। एक छोटा सा प्रश्न है कि क्या इस मुद्दे पर विधानसभा की कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। इस पर खाद्य मंत्री ने सहमति जताई। इस मुद्दे पर बहस से पहले ही स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सत्र का पहला सवाल पूर्व स्पीकर की ओर से आया है। इसलिए जवाब भी अच्छे से आना चाहिए ।

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