CG NEWS:बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने हिंदी विभाग को प्रदत्त नवीन भारतेंदु भवन के प्रांगण में पौधारोपण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि साहित्य और प्रकृति एक दूसरे के पूरक होने के साथ ही मानव सभ्यता के लिए परम आवश्यक हैं।
भारतेंदु भवन में प्रथम कदम के रूप में मंगलवार को कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल द्वारा वसंत के प्रतीक मंजरियों से युक्त आम के पौधों का रोपण किया गया। उन्होंने कहा कि जिस तरह फलों में आम राजा है, उसी तरह हिंदी साहित्य में भारतेंदु हरिश्चंद्र का नाम है। वे आधुनिक हिंदी साहित्य के स्तंभ हैं। कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने हिंदी के प्रति अपने अनुराग को व्यक्त करते हुए बताया कि हिंदी हिंदुस्तान की प्रतिनिधि भाषा है। इसमें सबको समाहित करने ही अपार संभावना है। भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाम पर स्थापित यह हिंदी भवन निश्चित ही हिंदी साहित्य के क्षेत्र में प्रखर साहित्यकारों की कर्मस्थली बनेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा पौधोरपण कर प्राकृतिक वातावरण का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करें साथ ही वृक्षों में निहित परोपकार की भावना को आत्मसात करें।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव, प्रो. अतनु महापात्रा समन्वयक आईक्यूएसी केन्द्रीय विश्वविद्यालय गुजरात, हिंदी विभाग की
अध्यक्ष डॉ. गौरी त्रिपाठी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. शैलेन्द्र कुमार, प्रो. भारती अहिरवार, प्रो. अनुराग चौहान तथा हिंदी विभाग के शिक्षकों व विद्यार्थियों ने भी पौधारोपण किया।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय ग्रंथालय के सामने स्थित भवन को हिंदी विभाग को प्रदान किया गया है। जिसका नामकरण प्रख्यात साहित्यकार, आधुनिक हिंदी के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाम पर ‘भारतेंदु भवन’ किया गया है।