CG NEWS:रायपुर। कोरोना काल में शिक्षा विभाग में हुई खरीदी के मामले को लेकर उस समय चार जिलों में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक के एक सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में सूरजपुर, मुंगेली, बस्तर और कोंडागांव के उस समय के जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने का ऐलान किया।
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में सवाल पूछा था कि क्या यह सही है कि छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में एनसीसीएफ, नेक ऑफ, केंद्रीय भंडार व स्व सहायता समूह( हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट सामग्री छोड़कर ) बिना निविदा से सीधे सामग्री क्रय किए जाने के संबंध में कोई छूट नहीं दी गई है। यदि हां तो जनवरी 2022 से नवंबर 2023 तक स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से मध्यान्ह भोजन और अन्य कार्य हेतु किन-किन संस्थानों से बिना निविदा, कितनी कितनी राशि की, कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई है। इसमें कितनी राशि का भुगतान किया गया है और कितनी राशि का भुगतान किया जाना बाकी है। उन्होंने वर्षवार, जिलेवार, सामग्रीवार, संस्थावार और राशिवार जानकारी मांगी थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या खरीदी हेतु वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से छूट ली गई थी। यदि हां तो छूट कब प्राप्त की गई और छूट के बाद संस्थाओं से बिना निविदा के क्रय की गई है । भंडार क्रय नियम का पालन न करने पर क्या कार्यवाही की गई है उन्होंने यह सवाल भी विधानसभा में पूछा था।
इस सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जानकारी दी कि सूरजपुर में 11 करोड़ से अधिक ,मुंगेली में 9 करोड़ से अधिक, बस्तर में 20 करोड़ से अधिक, बीजापुर में 53 लाख से अधिक और कोंडागांव में 3 करोड़ से अधिक की खरीदी की गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने बताया कि पहले इस मामले में एक जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। बाकी के चार जिला शिक्षा अधिकारियों को सस्पेंड करने का की घोषणा उन्होंने सदन में की। जिनके नाम विनोद कुमार राय, प्रमोद ठाकुर, राजेश मिश्रा और टी.एस. एल्मा हैं।