जशपुरनगर/कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने मतदान दल के पीठासीन अधिकारियों की प्रशिक्षण में बगीचा विकासखंड के .उ.मा. विद्यालय कुरडेग के व्याख्याता (एल.बी.) श्री रविन्द्र कुमार जायसवाल के द्वारा अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
सहायक रिटर्निंग ऑफिसर विधानसभा क्षेत्र क्र.-12 जशपुर के प्रतिवेदन अनुसार लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के अनुपस्थित श्रेणी के वरिष्ठ नागरिक (85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग) एवं दिव्यांगजन मतदाताओं को उनके निवास स्थान पर उपस्थित होकर मतदान कराये जाने हेतु श्री रविन्द्र कुमार जायसवाल, व्याख्याता (एल.बी.) शा.उ.मा. विद्यालय कुरडेग, वि.ख. बगीचा को मतदान दल के पीठासीन अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगाई गई है।
उक्त संबंध में 20 अप्रैल 2024 को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय जशपुर में प्रातः 11.00 बजे प्रशिक्षण रखा गया था। उक्त प्रशिक्षण में श्री जायसवाल बिना पूर्व सूचना के या सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बिना अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे। अनुविभागीय अधिकारी (रा) बगीचा एवं तहसीलदार बगीचा के द्वारा 20 अप्रैल 2024 को 11.45 बजे श्री जायसवाल से निजी मोबाईल नम्बर पर सम्पर्क कर तत्काल उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया।
इसके बावजूद भी इनके द्वारा निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य को गंभीरता से न लेते हुए उच्चाधिकारियों के आदेश- निर्देशों का अवहेलना कर घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता पूर्वक कार्य किया गया है। उक्त कृत्य छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 एवं 7 के सर्वथा विपरीत है। जो कि लोक प्रतिनिधित्व नियम, 1951 के धारा 28 ए के तहत किसी निर्वाचन के संचालन के लिए रिटर्निंग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी, और इस भाग के अधीन नियुक्त कोई अन्य अधिकारी, और किसी राज्य सरकार द्वारा तत्समय पदाभिहित कोई पुलिस अधिकारी, उस अवधि के लिए, जो ऐसे आदर्श आचार संहिता (अधिसूचना) की तारीख से ऐसे अधिकारी कर्मचारी उस अवधि के दौरान निर्वाचन आयोग के अधीन है।
जिला स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन हैं।श्री जायसवाल का उक्त कृत्य गंभीर कदाचरण एवं अनियमितता के श्रेणी में आता है। अतः तत्काल कठोर कार्रवाई किया जाना आवश्यक है। श्री रविन्द्र कुमार जायसवाल, व्याख्याता (एल.बी.) शा.उ.मा. विद्यालय कुरडेग, वि.ख. बगीचा को लोक प्रतिनिधित्व नियम, 1951 के धारा 28 ए तथा छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलम्बन अवधि में इनका मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बगीचा नियत किया गया है तथा निलम्बन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।