CG News: रायगढ़। रायगढ़ जिले के अंतर्त आने वाले धरमजयगढ़ का जंगल वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं ेकहा जा सकता। बिजली करंट से लेकर और भी कई ऐसे कारण है जिसके चलते हाथियों की इस जंगल क्षेत्र में मौत हो रही है।
गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया में पहले टाइगर,रविवार को बाघ और अब रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ जंगल के बोरो रेंज में हाथी का शव मिला है। शव को 22-25 दिन पुरानी बताया जा रहा है। जंगल में वन्य प्राणियों की हो रही मौत को लेकर अब शिकार की आशंका भी जताई जा रही है। एक सप्ताह के भीतर तीन वन्य प्राणियों की मौत को सहज नहीं कहा जा सकता।
बोरो रेंज में हाथी का शव मिला है। घटना 22 से 25 दिन पुरानी बताई जा रही है। धरमजयगढ़ वन मंडल स्थित बोरो रेंज के रुवाफुल बीट में हाथी का कंकाल मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के मैदानी अमला और हाथी मित्र दल ने जंगल के भीतर छानबीन कर हाथी के कंकाल को बरामद किया है। हाथी का कंकाल मिलने के बाद वन विभाग के अफसरों की निगरानी में फोरेंसिक की टीम जांच कर रही है। धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत का कहना है कि फोरेंसिक टीम की जांच में साफ हुआ है कि कंकाल हाथी के बच्चे का है। बच्चे को जन्म देने के बाद मादा हाथी और बच्चे की मौत हो गई। घरा जंगल का इलाका होने के कारण काफी देर से घटना की जानकारी मिली है।
शिकार की आशंका भी
डीएफओ के बयान पर भरोसा कर भी लिया जाए तो इस बात की पुष्टि कैसे होगी कि मादा हाथी का कंकाल ही मिला है। दांत का कहीं अता-पता नहीं है। शिकार के साथ ही तस्करी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।