CG News:रायपुर। Chhattisgarh विधानसभा सत्र में प्रश्न काल के दौरान पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने रायपुर नगर निगम में पिछले साल कराए गए डिवाइडर और सौंदर्यीकरण के काम को लेकर सवाल उठाया। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सदन में ऐलान किया कि संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाएगी। अजय चंद्राकर ने यह सवाल उठाते हुए सदन में कहा था कि बिना निविदा जारी किए सड़क का यह काम किसी जादू की तरह था। इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया था कि नगर पालिका निगम रायपुर के जोन क्रमांक 10 के अंतर्गत तेलीबांधा चौक से वीआईपी चौक तक डिवाइडर – सौंदर्यीकरण हेतु 26 अक्टूबर 2022 को कुल कितनी लागत का टेंडर जारी किया गया था। यह निर्माण कार्य कितनई राशि से, कब से और किस एजेंसी की ओर से कराया जा रहा था ।
उसके मालिक का नाम पता सहित जानकारी विधानसभा सत्र में 4 जनवरी 2023 को मांगी गई थी। उनका यह भी सवाल था कि यह निर्माण कार्य किसके द्वारा कितनी लागत से किनकी अनुमति से कराया गया। इसके लिए नगर पालिक निगम रायपुर या नेशनल हाईवे प्राधिकरण से आवश्यक अनुमति ली गई या नहीं।
यदि नहीं ली गई तो निर्माण करने वाले व्यक्ति या एजेंसी ने निर्माण कैसे कर दिया। निर्माण की जानकारी नगर पालिक निगम राज्य शासन को कब हुई। इस प्रकार जबरदस्ती निर्माण करने वाले व्यक्ति / एजेंसी के ऊपर क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने यह भी पूछा कि इस तरह के निर्माण करने पर क्या कार्रवाई करने के प्रावधान शासकीय नियमों में है।
अपने इस सवाल को लेकर अजय चंद्राकर ने सदन में यह भी कहा कि पिछली सरकार के कामकाज का यह एक तरीका था । जब जादू से सड़क बनी । स्थानीय शासन विभाग को समाचार पत्र के जरिए पता चला कि सड़क का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे जादूगर से प्रभावित इधर के लोग भी हैं और उधर के लोग भी…..।
इस सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जानकारी दी कि तेलीबांधा चौक से वीआईपी चौक पर डिवाइडर के सौंदर्यीकरण के सिलसिले में 26 अक्टूबर 2022 को 12 विभिन्न कार्य के लिए अलग-अलग करीब दो करोड़ 36 लाख की लागत का टेंडर जारी किया गया था। इस कार्य के लिए अनटाइट फंड से स्वीकृति प्रदान की गई थी। वार्ड निरीक्षण के दौरान सब इंजीनियर को स्थल पर कार्य की जानकारी मिली थी ।
नगर निगम सब इंजीनियर की ओर से स्थल पर निर्माण एजेंसी के मलिक का नाम पता पूछने पर स्थल पर कार्यरत मजदूरों ने अभिज्ञता जाहिर की थी। जिसके कारण एजेंसी का नाम और पता नहीं चल पाया ।
निर्माण कार्य के संबंध में समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों से सूचना प्राप्त होने पर जोन क्रमांक 10 द्वारा जारी की गई निविदा को आयुक्त की ओर से 9 नवंबर 2022 को निरस्त कर दिया गया था। निर्माण एजेंसी निर्माण लागत और अनुमानित की जानकारी नगर निगम रायपुर के पास नहीं है। निर्माण एजेंसी द्वारा नगर निगम रायपुर से अनुमति नहीं ली गई थी। नेशनल हाईवे प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त होने की जानकारी निगम के पास नहीं है। जिस जगह पर निर्माण कराया गया, वह स्थान नेशनल हाईवे प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आता है। जिसके कारण नगर निगम रायपुर को निर्माण की जानकारी नहीं थी ।
स्थल निरीक्षण में कार्य प्रारंभ होने की जानकारी समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से प्राप्त हुई थी। चूंकी स्थल पर निर्माण एजेंसी का नाम और पता कार्यरत मजदूरों से प्राप्त नहीं हुआ। इस वजह से निगम की ओर से कार्यवाही नहीं की गई। यह स्थल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के क्षेत्र अंतर्गत आता है। शासकीय नियमों के तहत कार्यवाही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ही करना है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने सदन में कहा इस मामले की जांच संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी करेगी। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इस पर धन्यवाद देते हुए कहा कि यह लोकधन की लूट का नमूना है। कोई भी तंत्र ऐसा ना करें, यह सुनिश्चित होना चाहिए ।