CG NEWS:जशपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले में शिक्षा विभाग के पत्थलगाँव विकासखंड के बीआरसीसी में खुलकर कमीशनक़ोरी की शिकायत सामने आ रही है। एक दिव्यांग शिक्षक ने वीडियो के साथ इसकी शिकाायत कलेक्टर से की है। जिसमें बताया गया है कि शिक्षक – शिक्षिकाओं पर दबाव डालकर आकस्मिक निधि से पांच सौ रुपए लिए जा रहे हैं।
बीआरसीसी के अत्याचार से तंग आकर बड़ी हिम्मत से दिव्यांग शिक्षक ने जिला कलेक्टर रवि मित्तल से शिकायत की ।जिसमे बताया गया कि उसके स्कूल शासकीय प्राथमिक शाला भालूखार में एक बालबाडी खुली है । जिसमे नवीन कक्ष में चित्रकारी सहित पेंटिंग कराने के लिए शासन से 15000 राशि स्कूल से मिली थी। इस राशि को स्कूल समिति के प्रस्ताव से गाँव के स्थानीय पेंटर से काम कराया था। ऐसा करने पर BRCC पत्थलगाँव की और से ठेका दिए जाने की बात कह कर पत्थलगाँव का एक ठेकेदार सस्पेंड करने की धमकी दे रहा है।
मिशन संचालक होने के नाते जिला कलेक्टर रवि मित्तल से की गई शिकायत में शिक्षकों की ओर से बताया गया कि स्थानीय पैंटर से पेंटिंग का काम करवा लिया गया था। इसलिए BRCC पत्थलगाँव के बताए व्यक्ति को बालवाड़ी पेंटिंग का ठेका नही देने पर कथित ठेकेदार की ओर से काफी विवाद किया गया है।शिकायत में आगे बताया गया कि ठेकेदार से विवाद के कारण BRCC पत्थलगाँव बेदानंद आर्य औचक निरीक्षण में आए ।उनके द्वारा स्कूल के समस्त रिकार्ड दूरुस्त होने के बावजूद स्कूल के स्टाफ के नाम से नोटिस जारी होने की बात कहीं और निपटाने के लिए खर्चा पानी लेकर पत्थलगाँव ऑफिस आने कहा गया । साथ ही कहा कि …नहीं तो तुम्हे सस्पेंड करवा देंगे । नौकरी चला जाएगा ।इस बात का भय भी दिखया गया।
शिकायत में बताया गया कि कार्यालय में बुलावे के दौरान BRCC की ओर से विकास खंड शिक्षा अधिकारी से मिलने को कहा गया।इस दौरान दबाव कुछ ऐसा बना कि इसी कार्यालय के रोहित बाबू को पैसे देने पड़े ।जिसका विडियो बना लिया गया है। अब शिकायत कर्ता शिक्षक कदम तो बढ़ा लिए है और जिला कलेक्टर से न्याय की फरियाद लिए आस लगाए बैठे है।
एक ओर विकासखंड संकुल स्रोत समनव्यक का महत्वपूर्ण पद जिसके ऊपर विकास खंड शिक्षा अधिकारी का हाथ है।तो दूसरी ओर एक आम शिक्षक है। जिसका आचार संहिता के चलते शिक्षक संघ साथ नही दे सकते है। लेकिन जाने अंजाने में एक शिकायत में संकुल स्रोत समनव्यक बेदानंद आर्य ने केंद्र और राज्य सरकारों से सीधे स्कूलों के लिए मिलने वाली राशि के ठेकेदार कैसे बनाते है।इसका एक नमूना पेश करते हुए सूत्र बतला दिया कि स्कूलों को मिलने वाली राशि एक दुकान, एक ही ठेकेदार और एक ही वेंडर के पास क्यों जाती है.. ।