CG NEWS:मुंगेली (मनीष जायसवाल) । व्याख्याता, एलबी संवर्ग व्याख्याता और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठको के पदोन्नति से प्राचार्य बनने के सपने पर एक नया ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है । विभाग की ओर से पदोन्नति के लिए पिछले पांच साल की तत्कालीन DEO की ओर से जारी हस्ताक्षर वाली गोपनीय चरित्रावली की मांग की गई है।इसमें 2019 से 2023 के बीच में जितने भी जिला शिक्षा अधिकारी हुए होंगे इन सबके गोपनीय चरित्रावली में हस्ताक्षर जरूरी होने चाहिए ऐसा आदेश शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया है। और नियम भी यही बताया जाता है।इस आदेश का व्यवहारिक रूप से पालन होना फिलहाल संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है।
मालूम हो कि गोपनीय चरित्रावली व चल अचल संपत्ति का ब्यौरा विभागीय लेखा जोखा रखने से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। मिली जानकारी के मुताबिक व्याख्याता और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठको की गोपनीय चरित्रावली का प्रतिवेदक स्कूल का प्राचार्य या डीडीओ होता है वही जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य की ओर से जारी की गई गोपनीय चरित्रावली का समीक्षक होता है। अंत में स्कूल शिक्षा के संभागीय संयुक्त संचालक इसके स्वीकृत कर्ता अधिकारी होते है। यह 31 मार्च की स्थिति में हर साल बनाई जाती है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि एलबी संवर्ग की सेवा संविलियन वर्ष 2018 से मानी जा रही है इसलिए इस कार्य को विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि इस नियम का पालन करना अब सम्भव होता नही दिखाई दे रहा है ..।
यह स्थिति सिर्फ मुंगेली जिले या बिलासपुर संभाग की नहीं पूरे छत्तीसगढ़ की यही स्थिति है कहीं पर भी विभाग की ओर से सालाना शिक्षकों के गोपनीय चरित्रावली से जुड़े दस्तावेज प्राचार्यो ने जिला शिक्षा अधिकारियों को नहीं भेजे और जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से भी दस्तावेज संयुक्त संचालक कार्यालय में नहीं भेजे गए यदि अगर दस्तावेज भेजे गए होंगे तब की स्थिति में बात कुछ बन सकती है पर ऐसा फिलहाल सुनने में नहीं आया है।
मुंगेली जिले के गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग का कहना है कि
शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार गोपनीय चरित्रावली को सहेजने व संधारण का अधिकार संस्था प्रमुख विकासखंड शिक्षा अधिकारी,जिला शिक्षा अधिकारी, संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय का होता है तो सभी जिम्मेदार संस्थाएं है।इनके अधिकारियों ने प्रत्येक वर्ष का सी आर रखा ही नही ऐसे में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी का हस्ताक्षर जरूरी क्यों कहा जा रहा है। सन 2019 से लेकर 2023 तक 31 मार्च के बीच में विभागो में पदस्थ जो अधिकारी अभी किसी पद में नहीं है या रिटायर हो गए है या उसकी मृत्यु हो गई है इस स्थिति में गोपनीय चरित्रावली कैसे बन पाएगी ..? पदोन्नति पाने वाला शिक्षक हर किसी के पास जाए यह संभव भी नहीं और विधि सम्मत भी होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। इस समस्या का राज्य शासन स्तर पर कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर देखा जाए तो एल्बी व्याख्याता और मिडिल स्कूल हेड मास्टर से पदोन्नति होकर प्राचार्य बनने का सपना पाल रहे शिक्षकों के लिए पदोन्नति फिलहाल खटाई में पड़ती हुई दिखाई दे रही है। एकाद संभाग में अगर यह गोपनीय चरित्रावली कुछ शिक्षकों के द्वारा जमा भी कर दी गई तब की स्थिति में भी मामला न्यायालय तक जाना तय दिखाई दे रहा है। इस मसले पर अंतिम आस सिर्फ प्रदेश की राजनीतिक इच्छा शक्ति और छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग संचालनालय, मंत्रालय पर ही टिकी हुई दिखाई दे रही है।