CG NEWS:रायपुर । छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत का पहला अंतरा है-अरपा पैइरी के धार महानदी हे अपार……, इन्द्राबती ह पखारय तोर पइयाँ…..।महूँ पाँव परव तोर भुइयाँ…..,जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइया……..।।
शिक्षको के बीच मे अब और अधिक प्रसिद्ध होने की ओर अग्रसर है। डॉ. नरेंद्र देव की इस रचना को शिक्षको ने अपनी मांगों पर ध्यानाकर्षण करने का नया नवाचारी प्रयास बताया है। छत्तीसगढ़
सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन शिक्षको की मांग को लेकर जो आंदोलन कर रहा था वह स्थगित हुआ है खत्म नहीं हुआ यह बातें चर्चा के दौरान सहायक शिक्षक संघ शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने सीजी वाल न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहीं। बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षकों की एक सूत्रीय मांग है कि वेतन विसंगति दूर कर प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय । यह मांगे यदि पूरी होती है तो हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व सरकार का एक लाख से अधिक शिक्षको और उनके परिजनों की उपस्थिति में जलाभिषेक करने की तैयारी कर रहे है। इस नावचारी आंदोलन के तहत प्रदेश के सभी संकुल स्तर में आने वाली प्रमुख नदियों, तालाबो, कुँवो, नलकूपों प्राकृतिक जल स्रोतों के जल को इकट्ठा करके शिक्षक दिवस के दिन राजधानी रायपुर में एक बड़े से पात्र में एकत्र करने वाले है।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा का कहना है कि अब हम आंदोलन के अंतिम चरण में पहुंच गए है। बीते साढ़े चार से आंदोलन कर रहे है उसके बाद भी हमारा हौसला बुलंद है। शिक्षक अगर बच्चे को कोई पाठ समझाते समझाते थक जाता है। इसका मतलब उस बच्चे से हारता नहीं है …! अगले दिन फिर उसी काम मे लग जाता है। ठीक वैसे ही हम भी है..! हमारा आंदोलन स्थगित हुआ है खत्म नहीं हुआ है।हम आंदोलनकारी नही बनाना चाहते । हमारा महत्व स्कूलों में है। शासन की योजनाओं में हमारी भूमिका में है। ठीक वैसे ही हमारी अब आगे की रणनीति हमारे स्कूलों में ही छिपी हुई है। राजकीय गीत की पहली पंक्ति से प्रेरणा मिली है। हम आंदोलन की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के कोने कोने के शिक्षको की भावनाओ को उनकी मांगों को जल में समेट कर राजधानी रायपुर लाने वाले है।
मनीष मिश्रा ने बताया कि हमको आंदोलन करने की की प्रेरणा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी है । जब वे विपक्ष में थे तो उन्होंने ने हमारे बीच में कहा था जो लड़ेगा वही हारेगा और हारने के बाद फिर जीतेगा। आंदोलन करते रहो
उनके कहे शब्द आज भी हमारे जेहन में है और वही हमको हौसला देते हैं । अगले चरण में जलाभिषेक यात्रा के लिए हम जल्दी टीम की घोषणा करने वाले है। पूरी कार्ययोजना इस बार स्कूली समय सीमा के जैसी होगी। जैसे हम जिम्मेदारी से अन्य शासकीय कार्य करते है ऐसा ही कुछ यहाँ भी देखने को मिलेगा।
शिक्षक नेता मनीष का कहना है कि सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेश की अगुवाई में 12 दिन के आंदोलन को स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने मोर्चा संभालते हुए बातचीत करके आंदोलन को वार्ता के बाद स्थगित करा दिया है । लेकिन सहायक शिक्षक की वेतन विसंगति दूर करते एक सूत्री मांग प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय इसे लेकर हम गंभीर है। हम भले ही आंदोलन स्थल पर सरकार का विरोध करते हैं लेकिन हमारे बहुत शिक्षक साथियों को लगता है कि भूपेश है तो भरोसा कायम है। हम भी इसी विश्वास में साढ़े चार साल तक अपनी बात उनके सामने रखते रहे है। अब हम नवाचारी आंदोलन की ओर चल पड़े है।
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