CG NEWS:रायपुर (मनीष जायसवाल) । विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद सत्ता के चेहरे तो बदल गए । लेकिन हालात बदल जाए यह राज्य की नौकरशाही में चरितार्थ होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। ऐसा लग रहा है कि कहीं ब्यूरोक्रेसी ने सुशासन की सरकार में पिंग पांग कूटनीति से शासन प्रशासन को चलाने के नजरिए से इस नीति को परिभाषित कर नया प्रयोग तो शुरू नही किया है ..! कुछ इस तरह की झलक 29 फरवरी को महानदी भवन स्कूल शिक्षा विभाग से जारी आदेश में दिखाई दी । जिसके अनुसार निलंबित व्याख्याता राजेश मिश्रा को पुन बहाल करते हुए नारायणपुर का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया है।
षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र में प्रश्न काल के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से ही पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए बहुत से कार्यों को लेकर एक के बाद एक दनादन सवालों के शॉट लगाए गए। सत्र के दौरान सवालों का रोमांच टेबल टेनिस खेल की याद दिला रहा था । इस खेल के बारे में कहा जाता है कि खिलाड़ी जितनी फुर्ती और तेजी से अपने दिमाग का इस्तेमाल कर सर्विस लौटाता है। वह उतना ही कामयाब होता है। साय सरकार का यह सत्र ऐसा ही रहा..! सत्ता पक्ष सिर्फ सवालों के जरिए ही विपक्ष पर हावी रहा..! सदन से ही कई विभागों के मामले की जांच का आदेश पारित किया गया..! कई जांच कमेटियां बनी..! एक ऐसा ही एक चर्चित मामला स्कूल शिक्षा विभाग से निकल कर आया । डीएमएफ की गड़बड़ी के मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एक सवाल का जवाब देते हुए चार जिला शिक्षा अधिकारियों को सदन में ही निलंबित कर दिया था। जिसमें कोंडागांव के प्रभारी डीईओ व्याख्याता राजेश मिश्रा भी शामिल थे। उनके विरुद्ध अन्य मामलों में जांच चल रही थी..!
सत्र समाप्ति के बाद पिंग पांग कूटनीति के एक पन्ने से जुड़ा मामला सामने आया। जिस प्रभारी अधिकारी राजेश मिश्रा को विधानसभा में निलंबित करने की घोषण की गई थी। उसी शिक्षक के लिए 29 फरवरी को महानदी भवन स्कूल शिक्षा विभाग से जारी आदेश के अनुसार राजेश मिश्रा को पुन बहाल करते हुए नारायणपुर का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया ..! ठीक उसी दिन 29 फरवरी को ही नारायणपुर कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर सुमित गर्ग को जिले का प्रभारी शिक्षा अधिकारी का दायित्व लेने का आदेश भी जारी किया था।
छत्तीसगढ़ शिक्षा सेवा भर्ती पदोन्नति नियम 2019 के प्रावधानों की जानकारी शिक्षा विभाग में हर किसी को है कि जिला शिक्षा अधिकारी का पद पदोन्नत से भरा जाने वाला पद है । इसके लिए वरिष्ठ प्राचार्य और पांच वर्ष के अनुभव की आवश्कता होती है।जबकि वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी नारायणपुर राजेश मिश्रा का मूल पद व्याख्याता है। उनके पास आखिर ऐसा कौन सा खेल है ,जो भूपेश सरकार के कार्यकाल में कोंडागांव….. फिर विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में निलंबित होने के बाद सत्र के अनिश्चितकालीन स्थगित होते ही चार दिन बाद नया प्रभार दे दिया गया।
हमने अपनी पड़ताल में पाया ऐसा संभव नहीं कि जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर व्याख्याता को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया जाए। जबकि विधानसभा में ही प्रस्तुत डाटा के अनुसार व्याख्याताओ की कमी है।प्राचार्य की भी कमी है । पर कई प्राचार्य अभी पदोन्नत होकर उच्च पद में जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। उसके बाद भी ऐसी पोस्टिंग करना अपने आप में शायद सरकार के सुशासन पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है।
पिंग पांग कूटनीति पर चीन की ओर से कहा जाता है कि चीन-अमेरिका संबंधों की आशा लोगों में है, नींव लोगों में है, भविष्य युवाओं में है, और जीवन शक्ति इलाकों में है। लेकिन प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी सुशासन की सरकार में पिंग पांग कूटनीति का प्रयोग करने की ओर जो कदम निकले है वे इस नीति के बावन साल इतिहास का अध्यन करेंगे तो पाएंगे कि उस नीति ने चीन के लिए दुनिया के दरवाजे खोले आज चीन एक शक्तिशाली राष्ट्र है, जो दुनिया के साथ आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य रूप से जुड़ा हुआ है, जिसका उदय दुनिया के प्रमुख देशों और अमेरिका के लचीले पन की वजह से हुआ..! मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार तो सिर्फ पांच साल के लिए जनता से चुनकर आई है।
आज हालत यह है कि राज्य के 33 जिलों में बीईओ और बीआरसीसी के पद पर आज भी 60 से 70 प्रतिशत पुरानी सरकार के द्वारा ही उपकृत किए गए शिक्षक संवर्ग और प्रभारी शिक्षा अधिकारी बनकर प्रभार लिए हुए हैं। शिक्षा विभाग में प्रभारवाद चरम में है। संलग्नीकरण समाप्त करने के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है। आम शिक्षक अपने साथियों के रुतबे देख रहा है।शिक्षा सचिव नई-नई योजनाएं लाने का दंभ भर रहे हैं लेकिन मैदानी हालत ठीक इसके विपरीत है छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा की सही तस्वीर अगर सामने आती है तो स्कूल शिक्षा की बदत्तर हालात देश में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में ही होगी। ऐसे हालात में पिंग पोंग का खेल जरूरी है..! लेकिन पिंग पांग डिप्लोमेसी से ली गई नई परिभाषित नीति हितकारी नहीं हो सकती।
अब हालत एक बार फिर तेजी से बदल गए है।प्रदेश में लोकसभा की सभी 11 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब जल्द ही सिस्टम में बदलाव होंगे। रायपुर लोकसभा से बृजमोहन अग्रवाल के नाम की घोषणा हो चुकी है।आठ बार के विधायक की मौजूदा राजनीतिक समीकरण के हिसाब से उनकी जीत उनके समर्थक मान कर चल रहे है। यदि बृजमोहन जीते तो नया शिक्षा मंत्री कोई और बनेगा।यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनके सामने भी पिंग पांग की डिप्लोमेसी की नई परिभाषित नीति शासन प्रशासन को चलाने के लिए सामने आएगी।