CG NEWS:बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति आचार्य ए डी एन वाजपेई ने कहा है कि साहित्य, साहित्यकार और भाषाविद् डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के कामों पर विश्वविद्यालय पीएचडी कराएगा। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे साहित्यकारों का संकुल समउत्पन्न कराया जाना चाहिए। जिससे आज की पीढ़ी को ऐसे साहित्यकारों के सृजन, व्याकरण और लेखन के बारे में पता चल सके। वे यहां डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के अवतरण दिवस पर आयोजित प्रादेशिक सदभावना साहित्य समागम एवम विचार गोष्ठी समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेश के कई प्रबुद्ध साहित्यकारों ने डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से व्याख्यान दिया। इस अवसर पर कई पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
समारोह की अध्यक्षीय आसंदी से कुलपति आचार्य ए डी एन वाजपेई ने डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के साथ अपने कई संस्मरण साझा किए। उन्होंने कहा कि डॉ. शर्मा एक बड़े साहित्यकार , व्याकरणाचार्य और भाषाविद् थे। सीएमडी कॉलेज के प्राध्यापक के रूप में उनकी एक एक अलग पहचान थी और शहर में भी उनका बड़ा सम्मान था। वे भाषा की सहिष्णुता के साथ स्पष्ट व्याख्या करते थे। वे कबीर की तरह मस्त मौला थे। एक गुरु की श्रेष्ठता उनमें थी। आचार्य श्री वाजपेई ने कहा कि आज के समाज में कितने पालेश्वर शर्मा हैं, जिन्हें हम सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समाज में तपस्या और साधना का तत्व खो गया है। तपस्या के आधार पर व्यक्तित्व का निर्माण नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सद्भावना जैसी संस्था के माध्यम से समाज में ऐसे साहित्यकारों का संकुल समउत्पन्न किया जा सकता है जिसमें पालेश्वर शर्मा की पीढ़ी को आगे बढ़ाया जा सके।उनके सृजन, व्याकरण, लेखन की दृष्टि से चीजों को देखा जा सके। उन्होंने कहा कि यह काम हमारे विश्वविद्यालय का है। हमने साहित्यकार सतीश जायसवाल पर पीएचडी कराया है। उस पर थीसिस जमा हो गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के कामों पर विश्वविद्यालय पीएचडी कराएगा। विश्वविद्यालय से जुड़कर हम लोग और भी काम करें यही अपेक्षा है।
इस आयोजन में उपमुख्यमंत्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। चुनावी कार्यक्रम की व्यस्तता के कारण वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। लेकिन उन्होंने ऑडियो के माध्यम से अपना संदेश भेजा। जिसमें उन्होंने डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के अवतरण दिवस पर शुभकामनाएं प्रेषित की। साथ ही साहित्य और समाज में उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेई और पूर्व महापौर श्रीमती वाणी राव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सद्भावना परिवार के संस्थापक संयोजक राजीव अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया।
इस अवसर पर डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा की पुस्तक तिरिया जनम झनि देय…. ( तृतीय संस्करण ), सुसक झन कुररी सुस्ता ले.. (द्वितीय संस्करण ) श्रीमती सरला शर्मा की पुस्तक दुबे दास्तान और डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा स्मृति ग्रंथ का विमोचन अतिथियों ने किया। इसके बाद डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर व्याख्यान में छत्तीसगढ़ के प्रबुद्ध साहित्यकारों ने अपने विचार रखें। रायपुर के डॉ. चितरंजन कर व रामेश्वर वैष्णव ,रायगढ़ के डॉ. बिहारी लाल साहू ,खैरागढ़ के डॉ. राजन यादव, दुर्ग की श्रीमती सरला शर्मा और बिलासपुर के डॉ. अजय पाठक व डॉ. देवघर महंत ने डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से अपनी बातें रखी। जिसमें कई संस्मरण भी प्रस्तुत किए गए। साथ ही यह भी विस्तार से बताया गया कि हिंदी – छत्तीसगढ़ी , भाषा, समाज, संस्कृति को लेकर डॉ. पालेश्वर प्रसाद शर्मा का योगदान कितना अमूल्य है। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र मौर्य और किशोर तिवारी ने किया।कार्यक्रम में विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा, रमेश शर्मा, शरद शर्मा सहित शर्मा परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति रही साथ ही बिलासपुर शहर के साथ ही जांजगीर , रायपुर , रायगढ़ दुर्ग, भिलाई, खैरागढ़ आदि कई स्थानों से प्रबुद्धजन साहित्य प्रेमी शामिल हुए ।