( गिरिजेय ) छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव में जनता ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि इस बार प्रदेश में किसकी सरकार बन रही है ? लेकिन इस सवाल को लेकर अब तक सस्पेंस और सिक्रेसी कायम है कि नईं सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा ?
इससे भी बड़ा सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री पद के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पसंद का पहला नाम किसका हो सकता है ? इस सवाल का जवाब तलाश रहे लोगों लोग कुछ नाम की ओर इशारा कर रहे हैं। इसके हिसाब से यह तय माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में नया मुख्यमंत्री पिछड़े तबके यानी ओबीसी से होगा और आदिवासी समाज से एक उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में खासकर पिछले करीब डेढ़ साल की सियासत पर गौर करें तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। जबकि उपमुख्यमंत्री के पद पर भरतपुर- सोनहत से निर्वाचित आदिवासी नेत्री रेणुका सिंह का नाम सबसे ऊपर नजर आ रहा है।
जिन्हें जिम्मेदारी सौंपने की उम्मीदों के पीछे एक वजह यह भी है कि जिस सरगुजा इलाके में कांग्रेस का सफाया कर भाजपा ने सभी की सभी 14 सीटें जीत ली हैं, उस इलाके को भी नुमाइंदगी मिलेगी।सरगुजा और बस्तर के आदिवासी इलाकों में बीजेपी को मिले समर्थन के एवज़ में यह फ़ार्मूला कारगर हो सकता है। साथ ही महिलाओं के जबरदस्त समर्थन के बदले बीजेपी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपकर छत्तीसगढ़ में महिला नेतृत्व को एक नई पहचान दे सकती है।
राजनीति के जानकार 2021 के अंत और 2022 की शुरुआत से ही यह मानते रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी को ओबीसी यानी पिछड़े तबके से किसी मजबूत नेता की तलाश है। जिसके जरिए वह छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राजनीति का जवाब पुख्ता ढंग से दे सके।
हालांकि भाजपा के पास छत्तीसगढ़ की राजनीति में पहले से ही ओबीसी समाज के नेता रहे हैं। लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी को मिली शिकस्त के बाद दिल्ली में बैठे लोग इन चेहरों पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे।
यही वजह है कि बीजेपी ने आदिवासी नेता विष्णु देव साय को बदलकर उनकी जगह बिलासपुर के सांसद और साहू समाज के नेता अरुण साव को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी। यह बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अरुण साव के सामने बड़ा लक्ष्य था । लेकिन उनके पास समय काफी कम था। फ़िर भी केंद्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देश पर अरुण साव ने दिन-रात एक कर जिस तरह कम समय में भी बीजेपी को छत्तीसगढ़ में फिर से खड़ा किया, उससे दिल्ली में बैठे लोगों का भरोसा जीतने में वे कामयाब रहे।
इस दौरान अरुण साव को जो भी जिम्मेदारी मिली, उन्होंने रणनीतिक कौशल के साथ बेहतर नतीजे दिए । इसकी झलक उन कार्यक्रमों में भी मिल गई थी , जो कार्यक्रम अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद आयोजित किए गए। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर जशपुर और सरगुजा से राजनांदगांव तक उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय किया।
अरुण साव की खासियत है कि जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, युवा मोर्चा और भाजपा संगठन में काम करते हुए हर एक स्तर पर अनुभव हासिल किया है। वहीं शुरुआती दौर में बूथ लेवल पर भी काम कर चुके हैं। इस तरह जमीनी कार्यकर्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में उन्होंने हर जगह अपने आप को बेहतर साबित किया है।
सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से अरुण साव छत्तीसगढ़ में बड़ी आबादी वाले साहू समाज से आते हैं। माना यह भी जाता है कि साहू समाज का समर्थन भाजपा को पहले से भी मिलता रहा है। इस हिसाब से पार्टी के सामने एक मौका है कि वह अरुण साव को सीएम पद देकर साहू समाज के प्रति अपना भरोसा और मजबूत करें।
अरुण साव अपने सौम्य स्वभाव की वजह से भी केंद्रीय नेतृत्व के सामने अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। बड़ी जिम्मेदारी और बड़ी चुनौती के बाद भी उन्होंने जिस अंदाज में मेल मुलाकात की, उससे उनके व्यक्तित्व की अलग पहचान सामने आई है।
यही वजह है कि चुनाव के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर बंद कमरे की बैठकों में भी छत्तीसगढ़ से केवल अरुण साव को शामिल करते रहे। इसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी की सभी सभाओं में भी अरुण साव ने जिस अंदाज में अपनी बात रखी उससे भी प्रभावित किया ।
इस समीकरण के हिसाब से माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की पहली पसंद के रूप में अरुण साव का ही नाम हो सकता है। ऐसे में उनकी ताजपोशी को लेकर कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही है। खबरें इस तरह की भी सामने आ रही है कि भाजपा ने हाल ही में छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत हासिल की है । वहां अब तक मुख्यमंत्री रहे पुराने चेहरों को रिपीट नहीं करने की रणनीति पर काम हो रहा है ।
बीजेपी शायद इस हिसाब से आगे बढ़ रही है कि अब नया नेतृत्व सामने आना चाहिए। ऐसी सूरत में भी तीनों राज्यों में नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। वैसे मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह सहित विष्णु देव साय, रेणुका सिंह, राम विचार नेताम ,ओपी चौधरी जैसे कई नाम सुर्खियों में रहे हैं।
इसके साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ में बीजेपी डिप्टी सीएम के पद पर भी किसी नेता की ताजपोशी करने जा रही है। इस पद के लिए भी कई नाम की चर्चा है। जिनमें ओपी चौधरी, विष्णु देव साय, रेणुका सिंह जैसे कई नाम है ।
लेकिन ज्यादातर लोग इस बात पर सहमत नजर आ रहे हैं कि बीजेपी को जिस तरह सरगुजा इलाके में एक तरफा जीत मिली है और सरगुजा के साथ ही बस्तर के आदिवासी इलाके के लोगों ने भाजपा का साथ दिया है। इसके साथ ही महिलाओं की ओर से समर्थन मिला है।
इसे देखते हुए मुमकिन है कि बीजेपी भरतपुर -सोनहत से निर्वाचित विधायक रेणुका सिंह को डिप्टी सीएम बना सकती है। जिससे एक साथ कई संदेश दिए जा सकते हैं। फिलहाल बीजेपी की ओर से पर्यवेक्षकों के नाम तय होने के बाद विधायक दल की बैठक और रायशुमारी की प्रक्रिया होगी। इसके बाद भाजपा की ओर से किसका नाम सामने आएगा इस सवाल का जवाब आने वाले समय में ही मिल सकता है।
The post CG में नए CM का चेहरा–मोदी / शाह की पसंद का पहला नाम कौन …? डिप्टी सीएम के लिए महिला के नाम पर लग सकती है मुहर? appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.