Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि (Chaitra Navratri) के चौथे दिन अष्टभुजा मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त मां कुष्मांडा की आराधना करता है उसका बुद्धि और विवेक बढ़ता है. साथ ही यह भी माना जाता है कि मां विभिन्न प्रकार के रोगों से भी मुक्ति दिलाती हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां को प्रसन्न करने के लिए कद्दू की बली दी जाती है. क्या है इसकी कहानी?
मां कुष्मांडा का स्वरुप
मां कुष्मांडा सूर्य के समान तेज वाली हैं, माता के तेज से ही सभी दिशाओं में प्रकाश होता है.
अन्य कोई भी देवी देवता इनके तेज और प्रभाव का सामना नहीं कर सकता. मा कुष्मांडा अष्टभुजा वाली देवी हैं, इनके सात हाथों में कमण्डलु,धनुष,बाण,कमलपुष्प,अमृतपूर्ण कलश ,चक्र तथा गदा हैं. आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है. इनका वाहन सिंह है.Chaitra Navratri 4 Day 2024
मां कुष्मांडा को चढ़ाइ जाती है बली
मां कुष्मांडा को वैसे तो लाल रंग के पुष्प और फल बहुत प्रिय हैं, इसलिए भक्त उनकी आराधना के समय भी यही चीजें चढ़ाते हैं, लेकिन इसके अलावा मान्यता है कि देवी को कुम्हड़े (कद्दू) की बलि प्रिय है. इस सब्जी को कुष्मांड भी कहते हैं, जिसके आधार पर देवी का नाम कुष्मांडा पड़ा.Chaitra Navratri 4 Day 2024
मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा आर्चना करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है और मां संकटों से रक्षा करती हैं. अगर आविवाहित लड़कियां मां की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करती हैं तो उन्हें मानचाहे वर की प्राप्ति होती है और सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा देवी कुष्मांडा अपने भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त करके आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं. जिस व्यक्ति को संसार में प्रसिद्धि की चाह रहती है, उसे मां कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए. देवी की कृपा से उसे संसार में यश की प्राप्ति हो सकती है.Chaitra Navratri 4 Day 2024