Chhath Puja 2023/छठ पर्व, भगवान सूर्य की पूजा का महापर्व, आज से शुरू हो रहा है। अब पूरे विश्व में छठ पर्व, पूर्वोत्तर भारत के महापर्वों में से एक, प्रेमपूर्वक मनाया जाता है। इस चार दिवसीय उत्सव में भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा की जाती है। नहाय खाय (Nahaye Khaye) खरना, संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य इन चार दिनों में मनाए जाते हैं।
इस पर्व को मनाने वाले वाले श्रद्धालू कठिन व्रत के जरिए छठी मैया और भगवान सूर्य पूजा करके संतान प्राप्ति, संतान की कुशलता, परिवार की सुख समृद्धि और लंबी आयु की मनोकामना मांगते हैं. इस बार छठ पर्व की शुरुआत 18 नवंबर से हो रही है. चलिए जानते हैं कि नहाय खाय, खरना के साथ साथ डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त कब है. (Chhath Puja Shubh Muhurt 2023)
पंचांग के मुताबिक इस साल षष्ठी तिथि 18 नवंबर की सुबह नौ बजकर 18 मिनट से आरंभ हो रही है. ये तिथि अगले दिन यानी 19 नवंबर को सुबह 7 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय 17 नवंबर को मनाया जा रहा है.
दूसरे दिन यानी 18 नवंबर को खरना का पर्व होगा. छठ पूजा का तीसरा दिन 19 नवंबर यानी शनिवार को होगा और इस दिन डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा. अगले दिन यानी चौथे दिन रविवार को सुबह उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर इस पर्व का समाप्त हो जाएगा.Chhath Puja 2023
छठ पूजा के पर्व में तीसरे दिन संध्या अर्घ्य यानी सांयकाल में डूबते हुए सूर्यदेव को जल दिया जाता है. 19 नवंबर को सांयकाल के समय संध्या अर्घ्य का समय 5 बजकर 25 मिनट का है.
10 नवंबर को सुबह तड़के सूर्योदय के समय व्रती उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देंगे जिसे ऊषा अर्घ्य कहा जाता है. इस दिन सूर्योदय का समय 6 बजकर 47 मिनट का है और इसी दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.cgwall इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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