“Chhattisgarh में BJP लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से कांग्रेस के मुकाबले काफी आगे नजर आ रही है। भाजपा ने Chhattisgarh की सभी 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं । छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवारों के नाम पर मोहर लगाते समय BJP ने “मिक्स फार्मूला” अपनाया है । जिसमें बीजेपी के दिग्गज भी हैं…. मंत्री भी हैं…पुराने सांसद भी हैं….जनपद पंचायत स्तर पर राजनीति करने वाले जमीनी कार्यकर्ता के रूप में नए चेहरे भी हैं ……एक तिहाई सीटों पर महिलाएं भी है …और तो और सोशल इंजीनियरिंग का हिसाब भी जबरदस्त है…”।
लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की लिस्ट को देखकर कुछ इन लाइनों के साथ समीक्षा की जा सकती है। जिसमें यह लाइन भी जोड़ी जा सकती है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी का रोडमैप ठीक नहीं ….बल्कि बहुत ठीक लाइन की ओर इशारा कर रहा है।
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों से पार्टी ने ऐसी लिस्ट पेश कर दी है, जिसमें 11 से अधिक खूबियां गिनाई जा सकती हैं। पार्टी की पूरी तैयारी और रणनीतिक कौशल की झलक भी इसमें देखी जा सकती है।
हाल ही में छत्तीसगढ़ में बीजेपी के चुनाव अभियान का आगाज करने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोर देकर यह बात कही थी कि वे छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर जीत का वादा लेकर लौट रहे हैं। बीजेपी की लिस्ट में भी सभी 11 सीट जीतने की तैयारी के लिए बने रोडमैप को समझा जा सकता है। इन 11 सीटों में जो नाम तय किए गए हैं, उनकी 11 से अधिक खूबियां गिनाई जा सकती है।
पहले इस लिस्ट की बात करें तो बीजेपी ने बस्तर से महेश कश्यप, कांकेर से भोजराज नाग, महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी, रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल, दुर्ग से विजय बघेल, राजनांदगांव से संतोष पांडे, बिलासपुर से तोखन साहू, जांजगीर से कमलेश जांगड़े, कोरबा से सरोज पांडे, रायगढ़ से राधेश्याम राठिया और सरगुजा से चिंतामणि महाराज को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस लिस्ट की खासियत पर बात करें तो बीजेपी ने 11 में से तीन सीट कोरबा, जांजगीर और महासमुंद से महिला उम्मीदवार देकर खासकर महिला वोटर के बीच यह मैसेज दिया है कि महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने की के मामले में वह कितना गंभीर है।
बीजेपी ने लोकसभा के दो मौजूदा सांसद दुर्ग से विजय बघेल और राजनांदगांव से संतोष पांडे को फिर से मैदान में उतारा है। बड़े नेता के रूप में स्थापित और प्रदेश सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है ।
बिलासपुर, दुर्ग और महासमुंद सीट से ओबीसी तबके के उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं। 11 में से दो ब्राह्मण उम्मीदवार राजनांदगांव से संतोष पांडे और कोरबा से सरोज पांडे को उम्मीदवार बनाया गया है। 2019 के पिछले चुनाव में भी इन दोनों सीटों पर ब्राह्मण उम्मीदवार थे। राजनांदगांव से संतोष पांडे तो चुनाव जीतने में कामयाब रहे । लेकिन कोरबा में ज्योति नंद दुबे को हार का सामना करना पड़ा था ।
बीजेपी की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर यह बात कही जाती है कि पार्टी अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को भी अहमियत देती है । इसकी झलक भी छत्तीसगढ़ उम्मीदवारों की लिस्ट में देखी जा सकती है । रायगढ़ से उम्मीदवार बनाए गए राधेश्याम राठिया जमीनी कार्यकर्ता है।वे धर्मजयगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे । राठिया समाज से आने की वजह से उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। इसी तरह जांजगीर लोकसभा सीट से उम्मीदवार कमलेश जांगड़े सक्ती इलाके से आती है ।
वे पूर्व में जनपद पंचायत सदस्य रह चुकी है और महिला मोर्चा की जमीनी कार्यकर्ता है ।महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी के रूप में भी बीजेपी ने अपने जमीनी कार्यकर्ता को मौका दिया है। इसी तरह बस्तर इलाके में बस्तर से महेश कश्यप और कांकेर से भोजराज नाग का नाम भी लिस्ट में देखकर लोगों ने माना कि भाजपा ने चुनाव में उम्मीदवार तय करते समय एक-एक बात का पर गौर किया है।
चुनावी तैयारी के लिहाज से भी बीजेपी ने चुनाव के ऐलान से पहले ही अपने अपनी लिस्ट जारी कर अपनी रफ्तार का एहसास कराया है। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में भी बहुत पहले छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी । चुनाव नतीजे से साफ हो गया था कि इसका लाभ भाजपा को मिला था । बीजेपी के लिस्ट की के साथ यह बात भी कहीं जा रही है कि बीजेपी ने बड़े चेहरे से लेकर जमीनी कार्यकर्ता तक सभी को छत्तीसगढ़ में मौका दिया है।
लेकिन जाहिर सी बात है कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर चुनाव मैदान में उतर रही है। चुनाव के जानकार भी मान रहे हैं कि जब बीजेपी ने हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर बड़ी जीत हासिल की है तो लोकसभा चुनाव में इसके स्वाभाविक असर से इन्कार कर पाना कठिन है। क्या इस रोडमैप के ज़रिए बीजेपी छत्तीसगढ़ में सभी ग्यारह सीटें फ़तह कर पाएगी या नहीं … यह चुनाव नतीजों से ही पता चल पाएगा।