Chief Secretary/जयपुर। मुख्य सचिव उषा शर्मा इसी माह के अंत रिटायर हो रही है। सरकारी कामकाज के हिसाब से शुक्रवार को उनका अंतिम कार्य दिवस था। ऐसे में अब चर्चा तेज हो गई है कि राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी का नया चेहरा कौन होगा? फिलहाल, इस पर सस्पेंस बरकरार है। राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन के बाद उम्मीद है कि ब्यूरोक्रेसी की कमान किसके हाथ में होगी।
दरअसल, मुख्य सचिव (Chief Secretary) उषा शर्मा का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो गया था, लेकिन केंद्र सरकार से 6 माह का एक्सटेंशन मिलने से गहलोत सरकार ने उनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया था। अब शुक्रवार को सरकारी कामकाज के हिसाब से सप्ताह का आखिरी दिन था।
मीडिया रिपोर्ट अनुसार पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 10 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की वरिष्ठता की अनदेखी कर जैसे निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बना दिया था। वैसे ही इस बार BJP सरकार कर सकती है। लेकिन, इस बार ब्यूरोक्रेसी की सर्वोच्च कुर्सी के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के दर्जनभर आईएएस अधिकारी कतार में है।
अगर चयन का पैमाना वरिष्ठता रहा तो इस बात की संभावना है कि राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की कमान यूपी के किसी असफर के हाथ में हो सकती है। इनमें 1988 बैच के सुबोध अग्रवाल इलाहबाद से, 1989 बैच की शुभ्रा सिंह मेरठ से, राजेश्वर सिंह और रोहित कुमार सिंह भी वाराणसी से हैं।
हालांकि, सुबोध अग्रवाल का नाम जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर चर्चाओं में है। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी जगह राजेश्वर सिंह को मौका दिया जा सकता है, जो सुबोध अग्रवाल के बाद दूसरे सीनियर आईएएस अधिकारी है।
माना जा रहा है कि इस बार दिल्ली से ही मुख्य सचिव आएंगे। राजस्थान के टॉप 10 आईएएस में 5 अभी दिल्ली में काम कर रहे हैं। राजस्थान काडर में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के आईएएस शुभ्रा सिंह, संजय मल्होत्रा, वी. श्रीनिवासन, रोहित कुमार सिंह और रजत कुमार मिश्रा इस दौड़ में शामिल हैं। इनके अलावा अभय कुमार, तन्मय कुमार, सुबोध अग्रवाल, अखिल अरोड़ा, आलोक, अपर्णा अरोड़ा, शिखर अग्रवाल, संदीप वर्मा, राजेश्वर सिंह और सुधांश पंत का नाम भी सीएस की रेस में आगे चल रहा है।