Delhi Service Bill: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023, (National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023) राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र का अध्यादेश, गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। बिल पास होने के बाद विपक्षी संसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी दल केवल आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन के लिए दिल्ली सेवा विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। जहां ‘INDIA’ गुट इस मामले पर एकजुट है, तो वहीं बीजू जनता दल (BJD) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) जैसी पार्टियों ने इस एकता का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है और विधेयक का समर्थन करने का फैसला किया है।
केंद्र ने 19 मई को अध्यादेश जारी किया था, जो दिल्ली में ग्रुप-A अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए प्राधिकरण बनाता है। ये अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद लाया गया था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार का कानून और व्यवस्था, पुलिस और भूमि के मामलों को छोड़कर दूसरी सर्विस पर नियंत्रण है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर बहस के दौरान, “सेवाएं हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से 2015 तक किसी मुख्यमंत्री ने लड़ाई नहीं लड़ी। कोई लड़ाई नहीं हुई, क्योंकि जो भी सरकार बनी उसका लक्ष्य लोगों की सेवा करना था। अगर सेवा करनी है, तो लड़ने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर वे सत्ता चाहते हैं, तो वे लड़ेंगे।”
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के पास GNCTD (संशोधन) विधेयक, 2023 लाने के पक्ष में एक भी वाजिब तर्क नहीं है और जोर दिया कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA’ कभी ऐसा नहीं होने देगा। ‘बंगले की सच्चाई छिपाने के लिए हो रहा सब कुछ’ अमित शाह ने दिल्ली अध्यादेश को लेकर कुछ यूं किया AAP पर हमला
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं, जब एक सरकार आई, जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है। विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है।
केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, “आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना। विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। बस इधर-उधर की फालतू बातें कर रहे थे। वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “ये दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है। ‘INDIA’ ऐसा कभी नहीं होने देगा।’’
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-A अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है। केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया, जिसने दिल्ली में ‘सेवाओं’ का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया।