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Electoral Bonds Top Donors- फ्यूचर गेमिंग, मेघा इंजीनियरिंग स्टालिन के नेतृत्व वाले द्रमुक के शीर्ष दानदाता हैं

Electoral Bonds Top Donors/नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने रविवार को चुनावी बॉन्‍ड पर विभिन्न मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों से प्राप्त घोषणाओं को सार्वजनिक किया। आयोग ने ये विवरण सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे थे और बाद में डेटा को सार्वजनिक करने के लिए कहा गया था। ईसीआई द्वारा अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एसबीआई चुनावी बॉन्‍ड डेटा के दूसरे सेट के अनुसार, लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक को चुनावी बॉन्‍ड के जरिए दान देने वालों में शीर्ष पर हैं। फ्यूचर गेमिंग ने 509 करोड़ रुपये और मेघा इंजीनियरिंग ने 105 करोड़ रुपये दान दिया है।

Electoral Bonds Top Donors/चुनावी बॉन्‍ड के जरिए द्रमुक को मिली कुल रकम 656.5 करोड़ रुपये है। द्रमुक को दान देने वाली अन्य प्रमुख कंपनियां हैं इंडिया सीमेंट्स (14 करोड़ रुपये) और सन टीवी (100 करोड़ रुपये)। द्रमुक की प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक को चुनावी बांड में कुल 6.05 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 5 करोड़ रुपये का योगदान चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा किया गया। लक्ष्मी मशीन वर्क्स अन्नाद्रमुक को दूसरा शीर्ष दानदाता था। जनता दल (यूनाइटेड) ने 10 करोड़ रुपये मिलने की घोषणा की है।

Electoral Bonds Top Donors/जद (यू) ने चुनाव आयोग के अधिकारी को लिखे पत्र में जो जवाब दिया है, वह अपने आप में काफी दिलचस्प है। जद (यू) ने पत्र में कहा, “हमें न तो दानदाताओं के विवरण के बारे में पता है और न ही हमने जानने की कोशिश की है। कोई हमारे कार्यालय में आया और एक सीलबंद लिफाफा दिया। जब हमने उसे खोला तो हमें एक करोड़ रुपये के 10 चुनावी बॉन्‍ड का एक गुच्छा मिला। हमने पटना में एसबीआई में एक खाता खोला और उसे खाते में जमा कर दिया। स्थिति को देखते हुए हम दानदाताओं के बारे में कोई विवरण देने में असमर्थ हैं।”

Electoral Bonds Top Donors/इस बीच, भाजपा को चुनावी बॉन्‍ड के जरिए 6,986.5 करोड़ रुपये मिले, जो 2018 में बॉन्‍ड पेश होने के बाद से सबसे अधिक है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को 1397 करोड़ रुपये मिले, जो भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी प्राप्तकर्ता है। हालांकि, बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने दानदाताओं का खुलासा नहीं किया और कहा कि ये बेयरर बॉन्‍ड हैं और इन पर खरीदारों का कोई विवरण नहीं है। टीएमसी के पत्र में कहा गया है, “संदेशवाहकों ने बॉन्‍ड को कार्यालय के ड्रॉप बॉक्स में गिरा दिया।

हमने एसबीआई से अनुरोध किया है कि वह हमें बॉन्‍ड जारी करने वालों के आवश्यक विवरण दे, क्योंकि खरीदारों के केवाईसी और आईडी प्रमाण बैंक के पास हैं।” कांग्रेस ने चुनावी बॉन्‍ड के जरिए कुल 1334.35 करोड़ रुपये भुनाए। बीआरएस ने 1322 करोड़ रुपये के बॉन्‍ड भुनाए। ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजद को 944.5 करोड़ रुपये मिले और आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने करीब 442.8 करोड़ रुपये के बॉन्‍ड भुनाए। जद (एस) को 89.75 करोड़ रुपये के बॉन्‍ड मिले, जिसमें चुनावी बॉन्‍ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीदार मेघा इंजीनियरिंग से मिले 50 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। पार्टी को एंबेसी ग्रुप से 22 करोड़ रुपये भी मिले। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को भारती ग्रुप से 50 लाख रुपये और एसडीएफ को एलेम्बिक फार्मा से 50 लाख रुपये का दान मिला है।

एमजीपी गोवा को वीएम सालगांवकर एंड ब्रदर्स से 55 लाख रुपये मिले हैं। सैन बेवरेजेज, एसके ट्रेडर्स और बीएस ट्रेडर्स समाजवादी पार्टी के शीर्ष दानदाताओं के रूप में उभरे हैं। 2019 में आम आदमी पार्टी को बजाज ग्रुप से 3 करोड़ रुपये और टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स से 1 करोड़ रुपये मिले थे।Electoral Bonds Top Donors

टीडीपी ने 181.35 करोड़ रुपये, शिवसेना ने 60.4 करोड़ रुपये और राजद ने 56 करोड़ रुपये के बांड भुनाए। राष्ट्रीय पार्टियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और राज्य पार्टियों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और केरल कांग्रेस ने कोई भी चुनावी बॉन्‍ड मिलने से इनकार किया। इससे पहले, ईसीआई ने एक बयान में कहा था : “राजनीतिक दलों ने 2017 के डब्‍ल्‍यूपी नंबर 880 में माननीय सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार एक सीलबंद कवर में चुनावी बॉन्‍ड पर डेटा दाखिल किया था।Electoral Bonds Top Donors

राजनीतिक दलों से प्राप्त धनराशि बिना सीलबंद लिफाफा खोले माननीय उच्चतम न्यायालय में जमा कर दी गई। 15 मार्च, 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने सीलबंद कवर में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दी हैं। चुनाव आयोग ने कहा, “भारत निर्वाचन आयोग ने आज चुनावी बॉन्‍ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।”

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