जी 20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन के समापन पर विदेश मंत्री ने कहा कि हम सभी ने आज गौर किया होगा। एक बहुत स्पष्ट चीज कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण-केंद्रित थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को जी 20 का वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ। इस समिट से इस बार भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दूरी बनाई। जिनपिंग की गैर-मौजूदगी पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह सभी देश खुद ही तय करते हैं कि उनका प्रतिनिधित्व कौन करता है।
पीएम ने किया था..
जयशंकर ने बुधवार को जी-20 के समापन संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘यह सभी देश खुद ही तय करते हैं। वे ही तय करते हैं कि उनका प्रतिनिधित्व कौन करता है। प्रधानमंत्री ली कियांग ने प्रधानमंत्री ली कियांग ने सितंबर में दिल्ली में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसे में उन्होंने इस बार भी यही किया।’
भारत की जी 20 की अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण पर केंद्रित
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक बात थी, जिसे हम सभी ने आज गौर किया होगा। एक बहुत स्पष्ट चीज कि भारत की जी 20 की अध्यक्षता वैश्विक दक्षिण-केंद्रित थी और इसने विकास को जी 20 के निष्पक्ष, केंद्र में वापस ला दिया था। सोचिए यह न केवल जी 20 सदस्यों के बीच, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच भी बहुत व्यापक रूप से आवाज उठाई गई सोच थी।’
इन पर सहमति
जी 20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन की बैठक में बनी सहमति का भी खुलासा किया। बताया कि जी 20 सदस्यों ने बंधकों की रिहाई, गाजा में राहत सामग्री भेजना और लड़ाई में अस्थायी विराम सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत किया। विदेश मंत्री ने कहा, ‘कुल मिलाकर, जिन मुद्दों पर सहमति हुई थी, उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए नेताओं द्वारा एकजुटता की भावना व्यक्त की गई थी।’
रोडमैप पर चर्चा हुई
इसके अलावा, प्रेस वार्ता को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भारत के जी 20 शेरपा अमिताभ कांत और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी संबोधित किया। वित्त मंत्री ने कहा कि आज जी 20 वित्त ट्रैक से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। पांच मुख्य एजेंडा बिंदुओं में से हर एक को दोहराया गया, जिस पर साल भर चर्चा हुई थी। उनका स्वागत किया गया। MDB सुधार, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, क्रिप्टो संपत्ति, जलवायु वित्त और कल के शहरों के वित्तपोषण के लिए रोडमैप पर चर्चा हुई। कई एमडीबी पहले से ही नवीन वित्त जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के विकल्प तलाश रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का स्वागत किया गया है। इसके कई पहलू पहले से ही निर्धारित हैं, बोर्ड प्रत्येक बैंक के लिए इसे अपना रहा है।
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