Health Tips/कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी दिल संबंधी बीमारियां आजकल यंग जेनरेशन को भी तेजी से चपेट में ले रही हैं. इसका सामान्य कारण स्ट्रेसफुल और बिगड़ा हुआ रूटीन व खराब खानपान माना जाता है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है
क्योंकि दिल की बीमारियों जैसे कार्डियक अरेस्ट, हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक की वजह से न जाने कितने लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. डेली रूटीन को अगर अच्छा रखा जाए तो हार्ट डिजीज से बचाव किया जा सकता है. आप रोजाना कुछ योगासन कर सकते हैं. इससे दिल की बीमारियों से तो बचाव होगा ही, साथ ही आपको कई और फायदे भी मिलेंगे.
Health Tips/दिल संबंधी बीमारियों को लेकर लोगों में कई तरह की गलतफहमियां भी होती हैं, जैसे वह अभी यंग हैं तो उन्हें दिल की बीमारी नहीं हो सकती. हालांकि पिछले कुछ समय में युवाओं में हार्ट डिजीज के मामलों में तेजी आई है, जो काफी चिंतित कर देने वाला है. इसलिए हर उम्र के इंसान को दिल का ख्याल रखने की जरूरत होती है. जानते हैं चार योगासन के बारे में जो आपके दिल को रखेंगे हेल्दी.
इस योगासन का अभ्यास अगर आप नियमित रूप से करते हैं तो पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, रीढ़ लचीली होती है साथ ही ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है. इसके अलावा यह आसान मधुमेह यानी डायबिटीज, पाचन और दिल संबंधी बीमारियों में भी फायदा पहुंचाता है.
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और पैरों में नितंब के बराबर गैप रखें. इसके बाद पैरों को पीछे की ओर मोड़ते हुए ऊपर उठाएं और अपने सिर को धीरे-धीरे सामने की तरफ ऊपर उठाएं और हाथों को पीछे ले जाकर पैरों के पंजों को पकड़ने की कोशिश करें. इस आसन को शुरुआत में करना थोड़ा कठिन हो सकता है. इसलिए बॉडी को ज्यादा पुश न करें बल्कि धीरे-धीरे इसे रूटीन में लाएं.
दिल की बीमारियों से बचने के लिए भुजंगासन भी काफी फायदेमंद माना गया है. यह आसन करने से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है साथ ही यह आसन छाती,कंधों और पेट की मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद है. भुजंगासन करने से साइटिका, फेफड़ों की बीमारी, मोटापा और स्ट्रेस को कम करने में हेल्प मिलती है.
ये योगासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं और अपने पैरों को सीधा रखें. हाथों को कंधे के बराबर में लाकर हथेलियों के बल छाती को ऊपर की ओर उठाएं. इस आसन को 30 सेकंड या अपनी क्षमता के हिसाब से कर सकते हैं.
इस आसन का अभ्यास करने से फेफड़े और दिल हेल्दी रहते हैं. इसके अलावा इस योगा पोज से बॉडी को एनर्जी मिलती है और कमर व रीढ़ की हड्डी में होने वाली जकड़न-दर्द से भी राहत मिलती है.
इस आसन के करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल रिलैक्स होकर लेटे. अपने हाथों को शरीर के बराबर में रखें. इसके बाद घुटनों को मोड़कर कूल्हों के पास लेकर आएं और शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं, अपने अपने दोनों हाथों को जोड़ लें ताकि ज्यादा प्रेशर न पड़े. इस आसन में शरीर की सेतु यानी पुल जैसी आकृति बन जाती है. कुछ देर इस मुद्रा में रहने के बाद पुन: पुरानी अवस्था में आ जाएं.
इस आसन को करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं, अनिद्रा, स्ट्रेस में फायदा मिलता है. इसके अलावा पश्चिमोत्तानासन पेट व कूल्हों की चर्बी कम करने में भी सहायक है. इस आसन को करने से हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, जिससे आपको हार्ट संबंधी बीमारियां होने का जोखिम कम रहता है.
सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं. इसके बाद शरीर को धीरे-धीरे आगे की ओर झुकाएं और माथे को पैरों पर टिकाने की कोशिश करें.