Holika Dahan: रंगों और मस्ती से भरा त्योहार होली अब बस आने ही वाला है। होली आपसी प्रेम बढ़ाने और खुशियां बांटने का त्योहार है जो पूरी दुनिया को बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।
Holika Dahan/होली के इस पावन पर्व पर आइए ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस बार होली पर कैसे पूजा करें, कैसे होली खेलें, होलिका दहन के दौरान कौन से काम बिल्कुल नहीं करने चाहिए और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कौन से उपाय करने चाहिए।
Holika Dahan/फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है, जो 24 मार्च को मनाया जाएगा और इसके अगले दिन 25 मार्च को रंगों वाली होली मनाई जाएगी. देशभर में रंगों वाली होली पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती है। होली की लोकप्रियता के कारण ही रंगों वाली होली विदेशों में भी लोकप्रिय है।
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडे बताते हैं कि इस दिन शाम के समय पहले से तैयार होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश रखें और पांच देवताओं की पूजा करें। अंत में होलिका की पूजा करें और होलिका दहन करें।
होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह स्नान के बाद हनुमान जी और भैरव जी की पूजा करें। उन्हें रोली, मोली, चावल, फूल, गुलाल, चंदन और नारियल आदि चढ़ाएं और आरती करके उनकी पूजा करें और किसी भी प्रकार की गलती के लिए क्षमा भी मांगें।
ज्योतिषियों का कहना है कि रंग भरी होली के दिन छोटे-बड़े सभी को अबीर-गुलाल लगाकर होली की बधाई देनी चाहिए। इस दिन एक-दूसरे को प्यार से गले लगाने और मिठाइयां बांटने की परंपरा के साथ-साथ एक-दूसरे को रंगों से रंगने की भी परंपरा है, जो प्रेम, सद्भाव और आत्मीयता का प्रतीक माना जाता है।
पंडित राकेश पांडे बताते हैं कि अगर आप समस्याओं से घिरे हैं तो होली के दिन गाय के गोबर में जौ, अरसी और कुश मिलाकर एक छोटा उपला बनाकर सुखा लें।
अच्छी तरह सूखने के बाद इसे घर के मुख्य द्वार पर लटका दें। ऐसा करने से घर में रहने वाले सभी सदस्यों की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. के अनुसार राकेश पांडे के अनुसार होली के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में संपूर्ण सुख प्राप्त होता है।
होलिका दहन के दौरान हरे पेड़ों को न काटें और न ही जलाएँ। धर्म शास्त्रों में हरे पेड़ को तोड़ना या जलाना भी वर्जित माना गया है। हरे पेड़ों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरे पेड़ों पर बुध ग्रह का स्वामित्व होता है।
इसलिए हरे पेड़ को जलाने से व्यक्ति को रोग और शोक दोनों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हरे पेड़ की रक्षा करनी चाहिए और होलिका दहन में इसे नहीं जलाना चाहिए। होलिका दहन में केवल सूखे गोबर के उपले या उपले तथा सूखी लकड़ियाँ आदि जलानी चाहिए।