28.04.23| छत्तीसगढ़ के IAS अफसर अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि ED फिलहाल उनको गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। अनिल टूटेजा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। याचिका अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा की ओर से दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने पीएमएलए एक्ट के तहत धारा 50, और धारा 63 के प्रावधानों को चुनौती दी। ईडी ने इस एक्ट के तहत छापेमारी की कार्रवाई की थी।
अनिल टुटेजा की याचिका पर शुक्रवार को दो जजों ने सुनवाई करके फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से ED की तरफ से की जा रही कार्रवाई को गलत बताया गया। याचिका में कोर्ट से गुजारिश की गई थी कि ईडी जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानि ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की। जबकि ईडी नियमावली में ये बताते हुए ही केस रजिस्टर किया जाता है, जो कि नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि, उनके पक्षकारों के यहां किस आधार पर कार्रवाई की गई, यह ईडी ने नहीं बताया है। जबकि 30 तारीख को ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे और उनसे जानकारी चाही थी। इसका ईडी के वकील पी राजू ने प्रतिवाद किया और कहा कि एक गंभीर स्कैम है। कोर्ट ने कहा कि आपने प्रक्रियागत त्रुटि की है, और आपको इसका ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि यह प्रकरण सुनवाई योग्य है। साथ ही अनिल टुटेजा और यश टुटेजा को राहत देते हुए दोनों की गिरफ्तारी या इसी तरह की किसी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ईडी को जांच में सहयोग देते रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल टुटेजा की गिरफ्तारी की कार्रवाई पर रोक लगाई है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में इस मामले में फिर सुनवाई हो सकती है, तब तक ED टुटेजा के खिलाफ गिरफ्तारी जैसा एक्शन नहीं ले सकती।