वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी देर में संसद में Budget 2023 पेश करेंगी। चुनावी साल से पहले पेश हो रहे इस बजट को लेकर मिडिल क्लास को इनकम टैक्स (Income Tax) के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ओल्ड टैक्स रिजीम को फेज आउट करने के संकेत मिलने के साथ ही नए टैक्स रिजीम में कुछ इग्ज़ेम्प्शन/टैक्स डिडक्शन के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल किए जा सकते हैं। ऐसी उम्मीद इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि सरकार का पूरा जोर टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने पर है, जबकि दो-दो टैक्स रिजीम के रहते ऐसा संभव नहीं दिख रहा है।
सरकार बजट 2023 में नए टैक्स रिजीम में कुछ ऐसे बदलाव कर सकती है, जिससे ज्यादातर टैक्स पेयर्स को इसकी ओर आकर्षित कर सके। ओल्ड टैक्स रिजीम को तुरंत हटाने या फेज वाइज खत्म करने की घोषणा हो सकती है। तत्कालीन राजस्व सचिव तरुण बजाज ने रिटायर होने से पहले पिछले साल नवंबर में कहा था कि नए टैक्स रिजीम को नए सिरे से लॉन्च करने की जरूरत है और जब ये हो जाए तो सरकार एक ही टैक्स रिजीम को जारी रखने पर विचार कर सकती है।
बिजनेस टुडे को दिए इंटरव्यू में बजाज ने कहा था,”जब आप विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि भारत में रिटर्न दाखिल करने वाले 75 से 80 प्रतिशत लोग अपनी इनकम 7 से 7.5 लाख रुपये से कम दर्शाते हैं। अगर ये लोग नए टैक्स रिजीम के साथ जाते हैं तो उन्हें 2.5 लाख रुपये की छूट के बाद टैक्स चुकाना पड़ता है, जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स की वजह कोई कर नहीं देना पड़ता है। इसलिए मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि इसपर फिर से विचार करने और एक ऐसी स्कीम लाने की आवश्यकता है, जिसमें इग्जेम्प्शन की संख्या कम हो, बड़े टैक्स स्लैब्स हों और टैक्स 5 से 20% के रेट तेजी से नबढ़े। अगर हम ऐसा करते हैं तो शायद बड़ी संख्या में लोग नए टैक्स रिजीम का विकल्प चुनेंगे और हो सकता है कि फिर सरकार भी दो विकल्पों के बजाय केवल एक विकल्प के बारे में सोचे।”
पुराने और नए टैक्स रिजीम में क्या अंतर है?
वर्ष 2020 से देश में इनकम टैक्स की दो प्रणाली मौजूद हैं। पहली वाली को ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के नाम से जाना जाता है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई व्यवस्था (New Tax Regime)शुरू की गई थी। नई टैक्स प्रणाली शुरू करने के साथ ही अभी पुरानी टैक्स प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है।
ओल्ड टैक्स रिजीम में सेक्शन 80 C और 80 D जैसे टैक्स सेविंग उपकरणों के जरिए टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं, लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कोई इग्जेम्प्शन नहीं है। इस वजह से नई टैक्स प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया है। सैलरी पाने वाले लोगों को न्यू टैक्स रिजीम से कोई फायदा नहीं है क्योंकि उन्हें HRA, LTA , स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली डिडक्शन नहीं मिलती है।
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