Jammu Kashmir Assembly Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीटों पर तीनों चरणों में मतदान के बाद सभी नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। 10 साल बाद हुए इस चुनाव में राज्य की कई हॉट सीटों पर सभी की नजर है, इनमें पुलवामा, गांदरबल, बडगाम, नौशेरा, बिजबेहरा, चन्नापुरा, सेंट्रल शाल्टेंग विधानसभा और श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा शामिल हैं। इन सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिलने वाला है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में 873 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। तीन चरणों में संपन्न हुए इस चुनाव के पहले चरण में 61.38 फीसदी, दूसरे चरण में 57.31 फीसदी और आखिरी चरण में 68.72 फीसदी मतदान हुआ है। मतदान का कुल प्रतिशत 63.45 है, जो 2014 की तुलना में करीब दो फीसदी कम है। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर अकेले ताल ठोक रहे हैं। हालांकि इस बार इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी अहम भूमिका निभा सकती है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेता उमर अब्दुल्ला दो सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। एक है गांदरबल और दूसरी बडगाम विधानसभा सीट। गांदरबल अब्दुल्ला परिवार का गढ़ रहा है, तो बडगाम सीट से अब्दुल्ला के खड़े होने से इस सीट के चुनाव परिणाम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। वह भी तब जब अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था और हाल ही में वह बारामूला लोकसभा सीट पर जेल में बंद इंजीनियर राशिद से चुनाव हार गए थे।
जम्मू-कश्मीर की हॉट सीटों में नौशेरा विधानसभा सीट भी शुमार है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना को चुनाव मैदान में उतारा है। यह उनकी दूसरी बार चुनावी दावेदारी है। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पहले 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के रविंद्र रैना ने यहां से चुनाव जीता था।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती पर भी सभी की नजर है। वह यहां की बिजबेहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। पहली बार चुनाव लड़ने वाली इल्तिजा मुफ्ती के लिए मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। यहां से नेशनल कॉन्फ्रेंस के अनुभवी नेता बशीर अहमद शाह मैदान में हैं।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के चुनाव परिणामों पर भी सभी की नजर टिकी है। चन्नापुरा विधानसभा सीट से उनके मैदान में उतरने से यह हॉट सीटों में शुमार हो गई है। वह 165 करोड़ की संपत्ति के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ रहे सबसे अमीर उम्मीदवार भी हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। अल्ताफ बुखारी के अलावा यहां से पीडीपी की तरफ से मोहम्मद इकबाल ट्रंबो, भाजपा की तरफ से हिलाल अहमद वानी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से मुश्ताक गुरू मुकाबले में हैं।
जम्मू-कश्मीर की सेंट्रल शाल्टेंग विधानसभा सीट भी हॉट सीटों में शुमार है। यहां से कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा को मैदान में उतारा है। वह राज्य की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। हालांकि, उनके लिए यहां मुकाबला आसान नहीं है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अन्य नेता और पूर्व विधायक मुहम्मद इरफान शाह के निर्दलीय मैदान में उतरने से यहां मुकाबला कठिन हो गया है। दोनों एक दूसरे के पुराने विरोधी रहे हैं।
बता दें कि तीन चरणों में मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं नजर आ रहा है. ‘इंडिया टुडे-सी वोटर’ के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन जम्मू-कश्मीर में बहुमत के करीब पहुंच सकता है। इस गठबंधन को 40-48 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है तथा भाजपा के खाते में 27-32 सीट जाने की संभावना जताई गई है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) को छह से आठ सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।
‘रिपब्लिक-मैट्रिज’ के एग्जिट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में BJP को 28-30 सीट मिल सकती हैं तथा नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के खाते में 31-36 सीट जा सकती हैं। इस सर्वे में पीडीपी को पांच से सात तथा अन्य को आठ से 16 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है।
‘दैनिक भास्कर’ के सर्वेक्षण में संभावना जताई गई है कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 35 से 40 और भाजपा को 20-25 सीट मिल सकती हैं। इसमें पीडीपी को चार से सात और अन्य को 12-16 सीट मिलने का अनुमान है। न्यूज 18 ‘महापोल’ में बीजेपी और एनसी-कांग्रेस गठबंधन जादुई आंकड़ों से काफी पीछे दिख रही है। इसके मुताबिक, बीजेपी 27 सीटें, कांग्रेस-एनसी 41 सीटें, पीडीपी 7 सीट और अन्य को 15 सीटें मिलने की संभावना है।
पीपुल्स पल्स के सर्वे के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 46-50 सीट मिलने का अनुमान है, वहीं भाजपा को 23-27 सीटें मिलती दिख रही है, इसके अलावा पीडीपी को 7-11 और अन्य को 5-6 सीटें मिल सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कोई भी बड़ी पार्टी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई थी। महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी को 28 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी 25 सीटों के साथ राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटें हैं।न तो पीडीपी और न ही बीजेपी के पास में बहुमत था, इसलिए दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया और सरकार 19 जून, 2018 तक चली। 19 जून, 2018 को राज्य की सरकार गिर गई। भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया। गठबंधन टूटने के बाद में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल का शासन आ गया और इशके बाद में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया। यह राज्य दो केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में बंट गया।
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