अंबिकापुर। केबीसी के नाम पर 25 लाख के ईनाम के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवाने वाली महिला ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस ममले की छानबीन के बाद 7 अंतरराज्यीय ठगों को बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले का पकिस्तान से कनेक्शन भी सामने आया है।
इस मामले का पटाक्षेप करते हुए पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया कि 23 मार्च को सीतापुर थाना क्षेत्र के लिचिरमा निवासी सेववती पैकरा नदी के पुल से कूद गई। इस दौरान नदी के किनारे स्थित चट्टान पर गिरकर महिला की मौत हो गई। जांच में पाया गया था कि मृतका के मोबाइल नंबर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा फोन कर कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के माध्यम से 25 लाख रुपये ईनाम जीतने का लालच/झांसा देकर मृतका से 1.50 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। ठगी का अहसास होने पर मृतका ने मांड नदी पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली। मर्ग जांच पर धारा 420, 306 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
इस मामले का पर्दाफाश के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला प्रशिक्षु आईपीएस चिराग जैन, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीतापुर ध्रुवेश जायसवाल, अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम गठित की गई।
जांच के दौरान मृतिका से अज्ञात व्यक्तियों से बात हुए फ़ोन नंबर एवं व्हाट्सअप नंबर की जानकारी प्राप्त करने पर संबंधित मोबाइल नंबर का आईपी एड्रेस पकिस्तान का होना पाया गया। ठगी की रकम से जिन-जिन खातों में राशि का ट्रांसजेक्शन हुआ था, उन खातों के संबंध में खाता धारकों का केवाईसी डिटेल एवं रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर साइबर सेल एवं विशेष पुलिस टीम द्वारा प्राप्त कर मामले में अग्रिम जांच की गई, जिसमें पुलिस टीम को जानकारी मिली कि अधिकांश खाता धारक जिनमें पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ था वो खाते पूर्णिया, कटिहार, आरा का होना पाया गया। इन खातों से अलग अलग खातों मे पैसे भेजे जाते थे। इसी क्रम में अंतिम आहरण पूर्णिया बिहार एवं अन्य कुछ जगहों से होना पाया गया है।
जिन खातों से अधिकतम ट्रांजेक्शन हुआ है, उनसे संबंधित जगहों पर साइबर सेल एवं विशेष पुलिस द्वारा पूर्णिया, कटिहार, आरा, पश्चिमी चम्पारण पहुंचकर मामले में शामिल संदेहियों की घेराबंदी कर उनसे पूछताछ की गई, जिन्होंने अपना नाम आशीष कुमार मण्डल, निवासी कटिहार बिहार, शाहिद आलम, निवासी पूर्णिया बिहार, शिवेंद्र कुमार, निवासी कटिहार, चक्रवर्ती आनंद, निवासी पूर्णिया, प्रदुमन कुमार सिंह, निवासी आरा बिहार, वलिउल्लाह रियाज निवासी चम्पारण, मनीष मण्डल, निवासी कटिहार बिहार का होना बताये।
आरोपियों से घटना में प्रयुक्त 11 मोबाइल, 14 सिम, 2 पासबुक, 17 एटीएम कार्ड एवं नगद 11 हजार रुपए बरामद किया गया। वर्तमान मामले में टेरर फंडिंग सहित मनी लॉन्ड्रिंग की अग्रिम जांच की जा रही हैं। आरोपियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में भी पैसे इन्वेस्ट किये जाने के बारे में तथ्य सामने आए हैं। सरगुजा पुलिस द्वारा उक्त तथ्य पर भी अग्रिम जांच की जा रही हैं।
पुलिस के मुताबिक भारत में रहकर कुछ आज्ञात व्यक्तियों द्वारा निचले तबके के लोगों का अकाउंट खुलवा कर उन्हें छोटी रकम देकर उनके खाते से संबंधित लेन-देन स्वयं आरोपियों द्वारा किया जाता हैं, ये आरोपी पकिस्तान के एजेंट से संपर्क में रहकर ठगी के पैसे में से अपना कमिशन लेकर पाकिस्तानी एजेंट द्वारा बताये हुए खातों में पैसे भेज देते थे। इसमें हर रोज 4 से 5 लाख का ट्रांजैक्शन सामने आया है। अब तक यह लोग दस करोड़ अनुमानित राशि भेज चुके हैं।
एक आरोपी ने यह भी बताया कि बाइनेंस नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में अपने पाकिस्तानी आकाओं के कहने पर पैसे निवेश किये गए हैं। पूर्व में भी ठगी के मामले सामने आए थे, जिनमें पाकिस्तान के आईपी से संचालित व्हाट्सअप कॉल कर ठगी की गई थी। वर्तमान मामले में टेरर फंडिंग सहित मनी लॉन्ड्रिंग की अग्रिम जांच मामले में की जा रही है। आरोपियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में भी पैसे इन्वेस्ट किये जाने के बारे में जांच में तथ्य सामने आए हैं। सरगुजा पुलिस द्वारा उक्त तथ्य पर भी अग्रिम जांच की जा रही है।
ठगों द्वारा भोले-भाले नागरिकों को केबीसी में ईनाम के रूप मे 25 लाख रुपये की बड़ी राशि जीतने का लालच/झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसकर उनसे इनाम की राशि पर प्रोसेसिंग फीस एवं जीएसटी के नाम पर रकम की ठगी की जाती थी। आरोपियों द्वारा केबीसी के नाम पर फर्जी विज्ञापन एवं लाटरी के रूप में लेटर भेजकर भी घटना कारित किया जाता हैं। लाटरी में दिए गए नंबर अधिकतर व्हाट्सप्प के होते हैं, जिनमें व्हाट्सप्प कॉल के द्वारा लोगों से बात कर फर्जी इनाम मिलने की सूचना देकर ठगी की जाती है।
पुलिस के मुताबिक ऐसे मोबाइल नंबर जिनका कोड 91 से स्टार्ट नहीं होता है, ऐसे नंबरों पर कॉल या व्हाटसएप कॉल के माध्यम से आपसे ठगी की जा सकती है। कृपया ऐसे नंबरों से सावधान रहें एवं ऐसे नंबर की सूचना अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को देवे एवं ऐसे फर्जी इनाम का लालच में न आवे, केबीसी द्वारा ऐसे किसी भी प्रकार की राशि नहीं दी जाती।
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