Krishna Janmashtami 2023: हिन्दुओं के सबसे बड़े और पवित्र त्यौहार को आने में अभी तीन दिन का समय शेष हैं। फिर आपको पुरे देशभर में नन्द के घर आनंद भयो के जयकारे सुनने को मिलेंगे। साथ ही साथ पुरे देश भर में कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व के जश्न की तैयरियां और व्यवस्थाएं जोरों शोरों से की जा रही हैं।
दरअसल जन्मास्ठमी को लगभग तीन दिन बाकी बताए जा रहे हैं फिर इसके बाद नटखट कन्हैया यानी की माखनचोर पृथ्वी पर जन्म लेकर पधारेंगे और अपने समस्त भक्तों के दुखों का निवारण करेंगे।इस दिन व्रत करने से भगवान श्री कृष्ण आपको परम सुख प्रदान करेंगे। जिसके बाद आपके जीवन से संकटों का खत्म हो जाएगा।Krishna Janmashtami 2023
हिंदू सनातन धर्म में हर एक त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं बात करें हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्व यानी जन्माष्टमी की इसे पूरे भारतवर्ष में बड़ी ही श्रद्धा और आस्था के साथ जोरों शोरों से मनाया जाता हैं। आपको बता दें कि जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। साथ ही साथ ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
इस वर्ष जन्माष्टमी 7 सितंबर 2023, बृहस्पतिवार के दिन बड़े हर्षोउल्लास और धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। साथ ही इस जन्माष्टमी पर बेहद ही शुभ संयोग भी बन रहा है, जिससे इस दिन पूजा करने से कई गुना अधिक फल मिलेगा।Krishna Janmashtami 2023
आपकी जानकारी के लिए बनता दें कि हिंदी पंचांग के मुताबिक भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 की दोपहर 03:37 मिनट पर प्रारंभ होगी और 7 सितंबर 2023 की शाम 04:14 मिनट पर ख़त्म होगी। चूंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म बीच रात्रि को हुआ था इसलिए जन्माष्टमी पर्व रात्रिकाल को मनाया जाता है। इस वजह से कृष्ण जन्माष्टमी तिथि 7 सितंबर को मनाई जाएगी।
इसी के साथ पुराणों के अनुरूप भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस वर्ष जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र ही रहने वाला है। ऐसा दुर्लभ संयोग कई वर्षो में बनता है, जब भगवान कृष्ण के जन्म का वक्त वाला रोहिणी नक्षत्र जन्माष्टमी पर पड़े।
भगवान श्री कृष्ण की पूजा के लिए सबसे पहले भगवान का श्रृंगार करें। उन्हें अष्टगंध चंदन, रोली का तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं और माखन मिश्री का भोग लगाएं। हालांकि इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि पूजा में काले या फिर सफेद रंग की वस्तु का प्रयोग न करें।
भगवान श्री कृष्ण की पूजा के लिए सर्व प्रथम भगवान का अभिषेक करें। फिर उन्हें स्वच्छ वस्त्र पहनाए। श्रृंगार करें। उन्हें अष्टगंध चंदन, रोली का तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं और माखन मिश्री का भोग लगाएं। हालांकि इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि पूजा में काले या फिर सफेद रंग की वस्तु का प्रयोग न करें।
कृं कृष्णाय नमः
श्री कृष्ण के इस मंत्र को जाप करने से सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं.
ऊं श्री नमः श्रीकृष्णाय
यह मंत्र पांच लाख जाप करने से सिद्ध होता है और मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
इस मंत्र का 3 माला जाप करने से विवाह से संबंधित बाधा समाप्त होती हैं।
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा
मन्त्र का 5 माला जाप करने से बिगड़े हुए सभी कार्य बन जाते हैं।
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