अनिल मालवीय, इछावर। ग्रामीण छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने के लिए सरकार ने निशुल्क साइकिल वितरण योजना (Cycle Distribution Scheme) चला रही है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण यह योजना विद्यार्थियों के लिए पिछले तीन साल से बेमानी साबित हो रही है। दरअसल, कोरोना काल के बाद से अभी तक छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं बांटी गई है। इस शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थी सालभर पैदल ही स्कूल पहुंचे। अब परीक्षाएं भी नजदीक हैं। ऐसे में बच्चे साइकिल से परीक्षा देने जा पाएंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है।
सीहोर जिले इछावर ब्लाक के 1 हजार 388 स्टूडेंट्स शासन की इस योजना के तहत साइकिल मिलने का इंतजार कर रहे हैं।इछावर जनपद शिक्षा केन्द्र में 6वीं के 192 छात्र व 178 छात्राएं और 9वीं के 537 छात्र तथा 481 छात्राएं पिछले लंबे समय से साइकिल मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सालभर स्कूल पैदल जाने के बाद अब परीक्षाएं भी सिर पर है, लेकिन अभी तक इन्हें साइकिल नहीं मिली है। इन छात्र-छात्राओं को अपने गांवों से मिडिल अथवा हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए रोजाना कई किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है। सरकार की इस योजना का लाभ विद्यार्थियों को शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के समय ही मिलना चाहिए था। ताकि वह आसानी से कम समय में स्कूल पहुंच सकें, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। साइकिल का वितरण नहीं होने से छात्रों को पैदल ही स्कूल जाना पड़ा।
बीआरसीसी परिसर में तैयार हो रही साइकिल
बीआरसीसी परिसर में साइकिल के बड़ी मात्रा में उपकरण रखें हैं। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पिछले कुछ दिनों से साइकिल तैयार करने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कुछ दर्जन साइकिल ही तैयार हो पाई है। सभी साइकिल कब तक तैयार हो जाएगी, इस पर कोई भी अधिकारी स्पष्ट बोलने को तैयार नहीं है। परीक्षा आरंभ होने से पहले छात्र-छात्राओं को इन साइकिलों का वितरण होगा या नहीं इस पर संशय बना हुआ है।
गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में
बीआरसीसी परिसर में बड़े पैमाने पर साइकिल तो तैयार हो रही है। लेकिन यहां सिर्फ ठेकेदार के ही कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं, जबकि शासन का कोई भी नुमाइंदा निरीक्षण के लिए मौजूद नहीं है। ऐसे में साइकिलों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, लोगों का कहना है कि साइकिल की गुणवत्ता निम्न स्तर की है। ऐसे में यह कुछ महीनों में ही खराब होने की अशंका है। पहले वितरित की गई साइकिल भी घटिया क्वालिटी की होने के कारण चंद दिनों में ही कबाड़ में तब्दील हो गई थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार वितरित की जाने वाली यह साइकिल कितने दिनों तक चल पाती है।
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