MP Top News: मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त यानि झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर सख्त हो गई है, संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मध्य प्रदेश ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और CMHO को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये हैं
MP Top News: प्रदेश में अपात्र व्यक्तियों/झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अनैतिक चिकित्सकीय व्यवसाय को नियंत्रित करने हेतु समस्त जिलों में ऐसे अमानक क्लिनिक्स व चिकित्सकीय संस्थानों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए। शासन ने निर्देश में कहा है कि गैरकानूनी क्लिनिक्स पर आपके द्वारा जिले में क्या कार्यवाही की गई है उसकी हर महीने रिपोर्ट संचालनालय को भेजी जाये।
MP Top News: संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने पत्र में कहा कि प्रदेश में निजी उपचर्यागृह (नर्सिंग होम) तथा रुजोपचार संबंधी स्थापनाएं (क्लिनिक) का विनियमन, म.प्र उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 तथा नियम, 1997 यथा संशोधित 2021 के स्थापित प्रावधान अनुसार किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कई अपात्र व्यक्तियों द्वारा फर्जी चिकित्सकीय डिग्री/सर्टीफिकेट का प्रयोग कर झोलाछाप चिकित्सकों के रूप में अमानक चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग से रोगियों का उपचार किया जा रहा है। अधिकांश ऐसे अपात्र व्यक्तियों द्वारा एलोपैथी पद्धति की औषधियों का उपयोग किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बिना उपयुक्त चिकित्सकीय ज्ञान के अनुचित उपचार, रोगियों के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता है। ऐसे कई प्रकरण उजागर हुए हैं जिसमें झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा गलत औषधियों के उपयोग करने से Abscess, Gangrene, Hypersensitivity reaction, Anaphylaxis, Shock आदि होने एवं यथोचित उपचार के अभाव में रोगियों की मृत्यु हुई है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं म.प्र. मानव अधिकार आयोग द्वारा भी समय-समय पर विचाराधीन विभिन्न प्रकरणों में झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
इसलिए प्रदेश में अपात्र व्यक्तियों/झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अनैतिक चिकित्सकीय व्यवसाय को नियंत्रित करने हेतु सभी जिलों में ऐसे अमानक क्लीनिक्स व चिकित्सकीय संस्थानों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही जन समुदाय में ऐसे अपात्र व्यक्तियों से उपचार प्राप्त करने पर संभावित दुष्परिणामों के संबंध में जागरूकता लाई जाए एवं शासन द्वारा ग्रामीण स्तर तक उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित की जाए।
पत्र में कहा गया है कि गैर मान्यता प्राप्त अपात्र व्यक्ति द्वारा यानि झोलाझाप डॉक्टर के द्वारा चिकित्सा किया जाना दंडनीय अपराध है, चूँकि जिले में निजी क्लिनिक्स और निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन CMHO द्वारा किया जाता है
MP Top News: इसलिए गैरकानूनी तरीके से चिकित्सा कर रहे अपात्र व्यक्तियों पर कार्यवाही भी सीएमएचओ करें और हर महीने की जाने वाली कार्यवाही से शासन को अवगत कराएँ, संचालनालय ने इसके लिय एक प्रपत्र भी पत्र के साथ भेजा है।