बिलासपुर—शुक्रवार को एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह की अगुवाई में छात्र नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। जमकर नारेबाजी करते हुए देवरीखुर्द स्थित चैतन्य टेक्नो स्कूल में व्याप्त अनियमितताओ और गड़बड़ियों को संरक्षण दिए जाने की बात कही। छात्र नेता रंजी ने जांच टीम पर चैतन्य टेक्नो स्कूल प्रबंधन से मिली भगत का आरोप भी लगाया।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह की अगुवाई में छात्रों ने देवरीखुर्द स्थित चैतन्य टेक्नो स्कूल के खिलाफ डीईओ कार्यालय का घेराव किया। जांच टीम पर प्रबंधन से मिलीभगत का आरोप लगाया। रंजीत ने कहा कि देवरीखुर्द स्थित स्कूल चैतन्य टेक्नो स्कूल नियमितताओं और गड़बड़ियों का अंबार है। मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत बिन्दु वार जांच कराने को कहा। लेकिन जांच टीम ने प्रबंधन से मिलाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।
छात्र नेता ने कहा कि कुछ समय पहले जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर बताया कि चैतन्य टेक्नो स्कूल को 8 वीं कक्षा तक ही मान्यता हासिल है। बावजूद इसके 9 वीं कक्षा में सीबीएसई कोर्स में प्रवेश दिलाया जा रहा है। सीबीएसई के नाम पर भारी भरकम फीस वसूला जा रहा है। स्कूल में खेल मैदान नहीं है..लेकिन टैक्स लिया जा रहा है। मांगे जाने पर स्कूल प्रबंधन छात्र छात्राओं को टीसी नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधन दबाव बनाकर अपने ही स्कूल से शैक्षणिक सामग्री का बिक्री कर रहा है।
तत्कालीन समय कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू ने जांच समिति का गठन कर बिन्दूवार जांच का आदेश दिया। रंजीत ने जानकारी दिया कि जांच के बाद समिति ने बैठक के लिए बुलाया। बताया गया कि 26 जुलाई की दोपहरण एक बजे बैठक में रिपोर्ट सबके सामने पेश किया जाएगा। कार्यालय पहुंचने पर जानकारी मिली कि जांच में समिति में एक अधिकारी आया ही नहीं। दूसरे अधिकारी ने बताया कि प्रतिवेदन डीईओ को सुपुर्द कर दिया गया है। रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी से हासिल सकते हैं। दबाव बनाये जाने पर जांच अधिकारी चन्द्रभान सिंह ने बताया कि चैतन्य टेक्नो स्कूल का सही संचालन किया जा रहा है।
इतने सुनते ही डीईओ कार्यालय के सामने छात्रों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। इस दौरान डीईओ अपने कमरे में नहीं थे। खबर मिलते ही सिविल लाइन पुलिस टीम मौके पर पहुंच गयी। थानेदार प्रदीप आर्य ने किसी तरह उग्र छात्रों को शांत कराया गया। मोबाइल पर छात्र नेता रंजीत और डीईओ से बातचीत भी कराया। डीईओ ने कहा कि 31 जुलाई की दोपहर बैठकर प्रतिवेदन को सामने पेश किया जाएगा। बावजूद इसके छात्रों ने जांच अधिकारी चन्द्रभान सिंह को पूरे समय यानी शाम पांच बजे तक अपने पास बैठाकर रखा।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कि रायपुर में ऐसी ही कुछ मिलती जुलती परिस्थितियां सामने आयी थी। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने दो दिनों के भीतर जांच पेश होने के बाद स्कूल पर ताला जड़ दिया था। लेकिन बिलासपुर में कुछ उलट ही है। पर्दे के पीछे खड़े रसूखदार के दबाव में जिला शिक्षा अधिकारी चैतन्य स्कूल को बचा रहे हैं। जांच टीम ने लीपापोती कर स्कूल को अभयदान दिया है। लेकिन हमने ठाना है कि भ्रष्ट स्कूल को संरक्षण देने वाले का पता लगाएंगे। जांच में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। गलत रिपोर्ट पाए जाने पर डीईओ कार्यालय के सामने उग्र आंदोलन भी करेंगे।
घेराव में मुख्य रूप से प्रदेश सचिव लोकेश नायक,जिला उपाध्यक्ष सुमित शुक्ला,जिला महासचिव शुभम जायसवाल,विपिन साहू,जिला महासचिव प्रवीण साहू,अंश बाजपेई,हिमांशु ठाकुर,योगेश साहू,तरुण यादव,मुकेश साहू आदि एनएसयूआई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।