Old Tax Regime/इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करने का टाइम आ चुका है, जिसकी लास्ट डेट 31 जुलाई 2024 है. नौकरीपेशा लोगों को अब तक नियोक्ताओं से अपना फॉर्म-16 मिल गया होगा. आम तौर पर 15 जून के बाद यह मिल जाता है. मतलब वे अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना शुरू कर सकते हैं.
Old Tax Regime/ई-फाइलिंग आईटीआर पहले से काफी आसान हो गया है, जिसे व्यक्ति घर बैठे ही आसानी से पूरा कर सकता है. आज की स्टोरी में हम आपको बताने वाले हैं कि नौकरीपेशा से लेकर कारोबारियों तक के लिए क्या नियम है और आप कैसे घर बैठे इसे अप्लाई कर सकते हैं?
Old Tax Regime/नए नियमों के अनुसार, नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स जब चाहे नई से पुरानी और पुरानी से नई टैक्स व्यवस्था का चयन कर सकते हैं. नई टैक्स व्यवस्था में दरें कम हैं,
लेकिन इसे चुनने पर छूट और डिडक्शन नहीं मिलेगा. नियमों के अनुसार नौकरीपेशा और पेंशनर तभी नई से पुरानी और पुरानी व्यपवस्था में जा पाएंगे जब जब उनकी बिजनेस इनकम न हो.
Old Tax Regime/वहीं कंसल्टेंसी से पैसा कमाने वाले टैक्सपेयर्स की इनकम बिजनेस के तहत आती है. यह सैलरी से इनकम की कैटेगरी में नहीं आती है. लोग कंसल्टेंट के रूप में काम करते हैं
उन्हें हर साल नई से पुरानी और पुरानी से नई व्यवस्था में स्विच करने की परमीशन नहीं है. नौकरीपेशा और पेंशनर के विपरीत ऐसे सैलरीड टैक्सपेयर्स जिनकी फ्रीलांस एक्टीविटीज से भी इनकम होती है उनके पास हर साल स्विच करने का ऑप्शन नहीं है.
बिजनेस से इनकम करने वाले टैक्सपेयर्स के पास नई या पुरानी व्यवस्था में किसी एक को चुनने का सिर्फ एक मौका होगा. आसान भाषा में कहें तो कारोबारी इस बार नई व्यवस्था के टैक्स देते हैं और उसके अगले साल पुरानी व्यवस्था में लौटते हैं तो फिर वो चेंज नहीं कर पाएंगे. अगर किसी व्यक्ति की भविष्य में बिजनेस से इनकम रुक जाती है तो उनके पास हर साल नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था को चुनने का विकल्प रहेगा.