OPS News।देशभर में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है. इसका असर छत्तीसगढ़ में भी दिख रहा है.
ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन के आव्हान पर रेलवे कर्मचारी आज जिला मुख्यालय के सहायक मंडल इंजीनियर कार्यालय के मुख्य गेट पर OPS की बहाली को लेकर तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर पर बैठ गए है, कर्मचारियों की मांग है कि, नई पेंशन नीति (NPS) हटा कर पुरानी पेंशन नीति (OPS) लागू किया जाए.
श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि, केन्द्र सरकार नई पेंशन नीति को हटाकर पुरानी पेंशन नीति जब तक लागू नही करता तब तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा. हड़ताल पर बैठे कर्मचारी NPS गो बैक के नारे लगा रहे है.
बता दें कि, 8 जनवरी से शुरु हुआ यह प्रदर्शन 10 जनवरी तक जारी रहेगा अगर इस दौरान मांगे पूरी नहीं होती तो ईस्ट कोस्ट रेलवे श्रमिक यूनियन के निर्णय के अनुसार आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
बता दें कि, केंद्र और राज्य सरकार के विभागों, संगठनों एवं प्रतिष्ठानों के सामने आठ जनवरी से 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर फास्ट’ का आह्वान किया गया है. इस दौरान विभिन्न कर्मचारी संगठन, भूखे रह कर सरकार से ‘पुरानी पेंशन बहाली’ की मांग करेंगे. शुक्रवार को नई दिल्ली के स्टेट एंट्री रोड स्थित एआईआरएफ कैंपस की जेपी चौबे मेमोरियल लाइब्रेरी में आयोजित पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच (JFROPS) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच (जेएफआरओपीएस) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए जल्द ही कोई तिथि निर्धारित करने पर सहमति हुई है. ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए), की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, स्ट्राइक नोटिस और अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि तय होने के बाद सरकार को अवगत कराया जाएगा. इस संबंध में कैबिनेट सेक्रेटरी को जेएफआरओपीएस के निर्णयों की जानकारी देने के लिए पत्र जारी होगा.
ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा है कि, रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं।
इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 फीसदी कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं। शुक्रवार को ज्वाइंट फोरम की बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए निर्धारित तिथि की घोषणा करने पर सहमति बन गई है. पहले चरण में सरकारी कर्मचारी, भूखे रहकर केंद्र सरकार को चेताएंगे। उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि घोषित की जाएगी.ops news