OPS NEWS :रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों / अधिकारियों के लिए ओपीएस की सुविधा अभी जारी है। इसमें फेरबदल के लिए फिलहाल कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह जवाब छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने दी।
Ops News।सदन में प्रदेश सरकार के शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों की पेंशन सुविधा को लेकर यह सवाल बेलतरा के युवा विधायक सुशांत शुक्ला ने किया था। विधायक शेषराज हरवंश और श्रीमती भावना बोहरा ने भी इसी तरह का सवाल किया था। उन्होंने जानना चाहा था कि प्रदेश सरकार की ओर से शासकीय अधिकारियों / कर्मचारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर ओपीएस पेंशन योजना कब से शुरू की गई।
ओपीएस पेंशन हेतु क्या प्रावधान किया गया है। कितनी राशि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को प्राप्त होनी है। क्या शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी संगठनों की ओर से इस योजना के प्रावधानों की कमियों को लेकर आवेदन किया गया है।
यदि हां तो उनके प्रमुख बिंदु क्या-क्या थे। उसे दूर करने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की गई है। पेंशन सुविधा में ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के एनपीएस खातों में नियमित राशि प्रतिमाह जमा नहीं होने पर उनके खातों को नियमित / जीवित रखने हेतु एनपीएस में क्या प्रावधान है।
वर्तमान में की जा रही राशि की कटौती एवं पूर्व में एनपीएस योजना के तहत काटी गई राशि के समाजयोजन हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। साथ ही एनपीएस की राशि कब तक प्राप्त होकर अधिकारियों कर्मचारियों के खाते में जमा कर दी जाएगी।
इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग में 11 मई 2022 को नवीन पेंशन योजना के स्थान पर 1 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है।
11 मई 2022 और 20 जनवरी 2023 की अधिसूचना द्वारा पेंशन हेतु प्रावधान किए गए हैं। इस सिलसिले में केंद्र से कोई राशि नहीं प्राप्त होना है । बल्कि पीएफआरडीए की ओर से कल 1936.81 करोड़ राज्य सरकार को प्राप्त होना है।
छत्तीसगढ़ अधिकारी / कर्मचारी फैडरेशन की ओर से 17 फरवरी 2023 को ओफीएस / एनपीएस विकल्प चयन हेतु निर्धारित तिथि में वृद्धि के संबंध में आवेदन प्राप्त हुआ था। इसके बाद विकल्प चयन की तिथि में बढ़ोतरी करते हुए 8 मई 2023 अंतिम तिथि तय की गई थी। ओपीएस की सहमिति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रति माह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित / जीवित रखने के संबंध में पीएफआरडीए अधिनियम में खाते के अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है।
वर्तमान में एनपीएस विकल्प का चयन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन से ही एनपीएस योजना के प्रावधान अनुसार नियमित कटौती की जा रही है।
ओपीएस के विकल्प लेने वाले कर्मचारियों के पूर्व में एनपीएस अंशदान के रूप में वेतन से कटौती कर एनएसडीएल में जमा की गई राशि में से शासकीय अंशदान एवं उसे पर आहरण दिनांक तक अर्जित लाभांश की राशि शासकीय सेवक के मृत्यु या सेवानिवृत होने पर उनके एनपीएस खाते के अंतिम भुगतान से शासकीय कोष में जमा की जावेगी।
इस सिलसिले में विधायक भावना वोहरा ने सवाल किया कि क्या प्रदेश में एनपीएस को फिर से लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि फिलहाल इस तरह का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इस सिलसिले में जो सिस्टम चल रहा है, वही चल रहा है ।इस मुद्दे पर कई सवाल उठाए जाने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने वित्त मंत्री से कहा कि वे एनपीएस और ओपीएस से संबंधित नोट विधायकों को उपलब्ध करा दें।