OPS News।रायपुर: जन शिक्षक पूर्व जनगणना कर्मचारियों ने जन, सहायक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत बनर्जी के नेतृत्व में प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करते हुए पुरानी पेंशन की मांग को लेकर गुरुवार की देर रात मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की इस दौरान उन्हें अपनी समस्याएं बताते हुए ज्ञापन भी दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही आपके इस मांग पर मै स्वयं उच्च अधिकारी से इस संबंध में चर्चा करता हूं।
इस विषय पर जानकारी देते हुए शिक्षक नेता रंजीत बनर्जी, गणपति रायल, दश्मंत जायसवाल, विरेन्द्र यादव, जय प्रकाश द्विवेदी, दिलहरण साहू ने बताया कि मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने हमारी बातो को बड़ी गंभीरता से सुना और मांगो के संबध में आश्वासन भी दिया है…।
हमने उन्हें बताया कि 1991-92 के जनगणना कर्मचारियों को भारतीय जनता पार्टी की शासन काल में शिक्षा कर्मी के पद पर नियुक्ति दिया गया और वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में ही हमारा संविलियन कर हमें शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक बनाया गया ।
एक लंबा सफर तय करते हुए हम जन सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती हुए थे अब छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारी है। लेकिन हम पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित हो रहे है।
शिक्षक नेताओ ने कहा कि हमारी प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री साय के साथ हुई एक सार्थक चर्चा में हमने आगे अपना पक्ष रखते हुए उन्हें बताया कि हमारा एनपीएस 2012 से कट रहा है। और अब राज्य में चल रही पुरानी पेंशन योजना के लिए कम से कम न्यूनतम 10 वर्ष सेवा अनिवार्य है। इससे रिटायरमेंट के करीब जनगणना कर्मचारियों की सेवा दस वर्ष पूरा नहीं हो पा रही है।क्योंकि हमारी सेवा की गणना अब संविलियन वर्ष 2018 से की जा रही है। इससे हमे पूर्व सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिए नियमों को शिथिल करते हुए
हमारी प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा की गणना करते हुए ।इसे सिर्फ और सिर्फ पेंशन के लिए ही मान्य करने का अनुरोध किया है ।
शिक्षक नेताओ का कहना है कि हमारे अधिकांश साथी इसी सरकार के कार्यकाल में रिटायर हो जाएंगे। अब सेवा काल के इस अंतिम दौर में अंतिम आस इसी सरकार से है।
एक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ को लेकर नारा दिया कि हमने ही बनाया है, हम ही इसे संवारेंगे यह नारा विष्णु देव साय की सरकार में चर्चित हुआ और सरकार की अब यह थीम लाइन है। इसी से वजह से इस सरकार से उम्मीद बंध गई है कि हमारी पूर्व की सेवा व्यर्थ नही जायेगी। इसी आस के साथ हमने अपनी मुख्य समस्या का ज्ञापन दिया है।