Piles: बवासीर या पाइल्स ऐसी समस्या है जो मरीर के लिए मल त्याग की प्रक्रिया को बेहद कठिन बना देती है। दरअसल इस बीमारी में मलद्वार (एनस) के अंदर और बाहर के हिस्से में सूजन आ जाती है जिसकी वहज से मल त्याग करने में बहुत दर्द होता है और कई बार खून भी आता है।
जिसके कारण टाॅयलेट जाने के नाम से ही पीड़ित की कंपकंपी छूट जाती है। यही नहीं पीड़ित को उठने – बैठने या फिर लेटने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पाइल्स की मुख्य वजह कब्ज़ की समस्या होती है। पाइल्स के मरीजों को खानपान में कुछ चीज़ों से परहेज रखना बहुत ही ज़रूरी है, वरना तकलीफ़ का और बढ़ना तय है। तो ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जिन्हें पाइल्स पेशेंट्स को अवाॅइड करना चाहिए, चलिए जानते हैं।
मिठाइयाँ
मिठाइयाँ खाना तो आमतौर पर सभी को पसंद होता है लेकिन अगर आप पाइल्स के पेशेंट हैं तो मिठाई खाने से परहेज करें। गुड़ भी अधिक न खाएं। ज्यादा मीठे के सेवन से आपकी समस्या बढ़ सकती है क्योंकि इससे कब्ज हो सकती है। सूजन भी बढ़ सकती है और आपको और अधिक दिक्कत का सामना कर पड़ सकता है।
नमकीन और खट्टी चीज़ें
चिप्स, साॅल्टेड पीनट्स, अन्य पैकेज्ड साॅल्टी फूड भी आपके लिये सही नहीं है। ये चीज़ें रक्त वाहिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिये इनके सेवन से बचना चाहिए। साथ ही इमली आदि की खटाई से भी बचना चाहिए।
बादी करने वाली सब्जियां
आपको बादी करने वाली सब्जियों जैसे बैंगन, अरबी आदि से बचना चाहिए।
अत्यधिक फाइबर वाले पदार्थ
वैसे तो कब्ज़ से राहत के लिए ज़रूरी है कि पाइल्स के मरीज़ फाइबर युक्त चीज़ों का सेवन करें। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि आपके खाने में फाइबर जरूरत से ज्यादा भी ना हो क्योंकि इसे पचाना भी कठिन होता है। इसलिए फाइबर लेना शुरू कर रहे हों तो उसे क्रमशः बढ़ाएं। वरना यह राहत के बजाय तकलीफ़ बढ़ाने की वजह बन सकता है। साथ ही अतिरिक्त फाइबर को पचाने के लिए ज्यादा पानी भी पिएं।
प्रोसेस्ड मीट
कम फाइबर और अधिक सोडियम के कारण बवासीर के दौरान प्रोसेस्ड मीट का सेवन सीमित रखना चाहिए। लाल मांस को पचाना भी बहुत कठिन हो सकता है।
मिर्च और मसालेदार खाना
पाइल्स है तो अपने भोजन में मिर्च के सेवन की मात्रा सीमित रखें। मिर्च की अधिक मात्रा निश्चित रूप से आपकी परेशानी बढ़ाएगी। साथ ही मसालेदार भोजन से परहेज करें। यह दर्दनाक मल त्याग और ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
कच्चे फल
पाइल्स के मरीज को कम पके हुए फल खाने से बचना चाहिए। अच्छे पके हुए फलों का सेवन आपके लिये उचित है। कच्चे फल आपकी असुविधा को बढ़ा सकते हैं।
परिष्कृत अनाज
सफेद चावल या ब्रेड जैसी चीजों में फाइबर और आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। इनके सेवन से परहेज करें।
शराब
शराब का सेवन कम करें। शराब आंत में पानी सुखाती है और शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों को कम करती है।
डेयरी उत्पाद
पाइल्स के पेशेंट्स को डेयरी उत्पाद की मात्रा भी डाॅक्टर की सलाह के आधार पर तय करनी चाहिए। कुछ पेशेंट्स को इनके सेवन से कब्ज़ और पेट में ऐंठन के लक्षण बढ़ सकते हैं।
डीप फ्राइड और फास्ट फूड
आपको डीप फ्राइड और फास्ट फूड के सेवन से बचना चाहिए। इनमें अनहेल्दी फैट और नमक की अधिक मात्रा होती है। पोषक तत्वों का पूर्ण अभाव होता है। ये कब्ज़ को बढ़ाते हैं।