Pitru Paksha: हिंदू धर्म और भारतीय पौराणिक परंपरा में पितृ पक्ष महत्वपूर्ण है। इस अवधि में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह अक्सर भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा से अमावस्या तिथि तक चलता है, जिसमें लोग अपने पितरों के प्रति आभार और समर्पण की भावना बनाए रखते हैं। 29 सितंबर को पितृ पक्ष शुरू होगा।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष में कुछ वस्तुएं लेना अशुभ मानी जाती हैं, और उन्हें नहीं खरीदना चाहिए, जैसे कि सरसों का तेल, नमक, और झाड़ू।
यह विशेष तरीके से इस पक्ष के दौरान उपयोग के लिए नहीं खरीदी जानी चाहिए, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है और इस समय में इन्हें खरीदने से पितरों की आत्मा को आपत्ति हो सकती है।
सरसों का तेल:
सरसों का तेल को शनि ग्रह का प्रतीक मानने और इसे पितृ पक्ष में न खरीदने का निषेध किया जाता है। शनि ग्रह को धार्मिक ज्योतिष में अधिकतम और प्रभावशाली ग्रहों में से एक माना जाता है, और यह ग्रह शनि के द्वारा कठिन संघर्ष का प्रतीक माना जाता है।
झाड़ू:
धार्मिक मान्यता के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और वह संपत्ति और धन की प्रतीक होती है। झाड़ू को घर की सफाई और शुद्धि का प्रतीक भी माना जाता है, जिसका महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में बड़ा होता है।Pitru Paksha
पितृ पक्ष के दौरान कुछ लोग झाड़ू खरीदने से बचते हैं, क्योंकि इसे इस समय को अशुभ माना जाता है और धन की हानि का प्रतीक हो सकता है।
नमक:
नमक भी तीक्ष्ण माना जाता है, कहा जाता है की अगर आप श्राद्ध में नमक खरीदते है तो इससे आपके जीवन में आर्थिक परेशानियां आती है इसलिए इसे भी पितृ पक्ष में नहीं खरीदना चाहिए.अन्यथा आपके ऊपर भारी कर्ज चढ़ सकता है।
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