PM Modi Oath Taking Ceremony/नरेंद्र मोदी ने रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
PM Modi Oath Taking Ceremony/शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के अलावा भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ शामिल हुए।
PM Modi Oath Taking Ceremony/प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई।
PM Modi Oath Taking Ceremony/उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया। पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे। पीएम नरेंद्र मोदी को 6,12,970 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस के अजय राय को 4,60,457 और बसपा के अतहर जमाल लारी को 33,766 मत प्राप्त हुए है। पीएम मोदी वाराणसी सीट पर 1 लाख 50 हजार 513 वोट से चुनाव में विजयी हुए। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा नीत एनडीए के खाते में 293 सीटें आई हैं। जबकि, इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने 234 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, अन्य के खाते में 17 सीटें आई। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने 240 सीटों पर जीत हासिल की है।
PM Modi Oath Taking Ceremony/ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों का सम्मेलन सोमवार से रूस के निजनी नोवगोरोड में शुरू हो रहा है। भारत ‘विश्व बंधु’ (ग्लोबल फ्रेंड) के रूप में अपने रोल को जारी रखते हुए बैठक में ग्लोबल साउथ के सामने विकास संबंधी चिंताओं और दुनिया के सामने आ रही चुनौतियों को उठा सकता है। नई दिल्ली में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के गठन के तुरंत बाद होने वाली यह ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की पहली बैठक भी होगी। दरअसल, जनवरी में समूह के विस्तार को औपचारिक रूप दिया गया था।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री, दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग मंत्री नादिया पंडोर, ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, चीनी विदेश मंत्री वांग यी के अलावा ग्लोबल साउथ और ईस्ट से आमंत्रित देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। सोमवार की बैठक पारंपरिक रूप से केवल विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। इसमें ब्रिक्स के सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्रियों के मौजूद रहने की उम्मीद है। मंगलवार को एक विस्तारित बैठक होगी, जिसमें रूस द्वारा आमंत्रित 15 देश हिस्सा लेंगे। बैठकों में मौजूदा भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा और विकासशील देशों की भूमिका बढ़ाने पर जोर देते हुए ग्लोबल गवर्नेंस सिस्टम में सुधार लाने पर बातचीत होगी।
विदेश मंत्रियों की बैठक में जो भी परिणाम आएगा, उसे अक्टूबर में कज़ान में होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल किया जाएगा। दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित होने की संभावना है। गुटों में बंटी हुई इस दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की बढ़ती इमेज और ‘विश्व बंधु’ (ग्लोबल फ्रेंड) के रूप में इसके उदय को उजगार करते रहे हैं। लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा था, “ग्लोबल मंच पर भारत की साख बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में की गई कड़ी मेहनत का लाभ उठाने का समय आ गया है।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में एक अलग ग्लोबल इमेज बनी है।
भारत ग्लोबल फ्रेंड (विश्व बंधु) के रूप में उभरा है। इसका लाभ अब मिलना शुरू होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जहां तक पर्यावरण का सवाल है, अगले पांच साल देश के लिए बेहद उपयोगी होंगे।” भाजपा के 2024 के चुनावी घोषणापत्र में ‘विश्व बंधु भारत के लिए मोदी की गारंटी’ टाइटल वाले एक अलग सेक्शन में जिक्र किया गया है कि कैसे मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में भारत को ‘विश्व स्तर पर एक विश्वसनीय और भरोसेमंद आवाज’ बनाया है। भाजपा के संकल्प पत्र में कहा गया, “आज दुनिया मानती है कि भारत लोकतंत्र की जननी है।
दुनिया भर में रहने वाले भारतीय और भारतीय मूल के लोग सशक्त और जुड़े हुए महसूस करते हैं। हमारे मूल्यों, विचारों, ज्ञान और पारंपरिक ज्ञान को विश्व मंच पर गौरवपूर्ण स्थान मिला है। हम अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे और विश्व बंधु की भावना के साथ अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नीतियों का संचालन करेंगे।” इसमें प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी 5एस विजन- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि का उपयोग कर ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करने का जिक्र किया गया है।