Rajasthan News: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी (UGC) ने देशभर की 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इसमें 108 सरकारी यूनिवर्सिटीज, 47 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और 2 डीम्ड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। जिनमें राजस्थान की सात सरकारी यूनिवर्सिटीज और साथ प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी शामिल है। UGC ने यह कार्रवाई यूनिवर्सिटीज में लोकपाल नियुक्त नहीं किए जाने के कारण की है।
Rajasthan News: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से जारी की गई डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में मध्यप्रदेश 16 यूनिवर्सिटी के साथ देश में पहले नंबर पर है। जबकि राजस्थान 14 यूनिवर्सिटी के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। इसके बाद 12 यूनिवर्सिटी के साथ तीसरे नंबर पर उत्तर और 10 यूनिवरिस्टी के साथ चौथे नंबर पर पश्चिम बंगाल की यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर के रूप में दर्ज किया गया है।
Rajasthan News: दरअसल, इन यूनिवर्सिटीज ने UGC के तय नियम और समय में अपने यहां लोकपाल की नियुक्ति नहीं की थी। लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने के चलते ही इन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है। ऐसे में अब भविष्य में इन यूनिवर्सिटीज द्वारा लोकपाल की नियुक्ति करने के बाद ही इन पर लगा डिफॉल्टर का टैग हट सकेगा।राजस्थान की इन यूनिवर्सिटीज को किया गया डिफाल्टर घोषित
राजस्थान के बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी, महाराज गंगा सिंह यूनिवर्सिटी, बीकानेर, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी , बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि यूनिवर्सिटी बीकानेर, कोटा यूनिवर्सिटी, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर, मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, प्रताप यूनिवर्सिटी, श्री कल्लाजी वैदिक यूनिवर्सिटी, जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी और जे मनीष आदिवासी यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर घोषित किया गया है।
हालांकि कुछ यूनिवर्सिटी का कहना है कि लोकपाल की नियुक्ति कर दी गई है। इसको लेकर सभी जरूरी दस्तावेज यूजीसी को भेज भी जा चुके हैं। बावजूद इसके अब तक यूजीसी ने दस्तावेजों को अपडेट नहीं किया गया है। जिसकी वजह से यूनिवर्सिटी को बेवजह डिफॉल्टर घोषित किया गया है। यूजीसी ने एक ईमेल भी भेजा है। जिस पर लोकपाल नियुक्त करने की जानकारी अपलोड करने के लिए कहा है।Rajasthan News