विशेष संवादाता
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे के इस्तीफे की मांग किया है। उन्होंने आरक्षण विधेयक जैसे गंभीर विषय की गंभीरता को नजरअंदाज करते हुए राज्यपाल द्वारा छत्तीसगढ़ आरक्षण संशोधन विधेयक लौटाए जाने का गैर जिम्मेदाराना उल्लेख करते हुए टिप्पणियां की हैं। कश्यप ने कहा बिना इसकी पुष्टि किए प्रतिक्रिया व्यक्त करना फिर राज्यपाल ने आरक्षण विधेयक वापस नहीं लौटाया हैयह पता चलते ही सारी गलती मीडिया पर मढ़ने का घृणित कार्य मंत्री चौबे ने किया है।
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा उनका यह कहना कि मीडिया की खबरों के आधार पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी थी, उन्हें जानकारी नहीं है, यह मंत्री के रूप में उनका बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है। क्या छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मीडिया की खबरों पर चल रही है? क्या संसदीय कार्य मंत्री को इतने संवेदनशील विषय में जानकारी नहीं होना चाहिए? आखिर संसदीय कार्य मंत्री कर क्या रहे हैं? राज्य के संसदीय कार्य मंत्री को अपने विषय से जुड़ी जानकारी न होना साबित कर रहा है कि यह सरकार हवा में तैर रही है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बिना किसी तथ्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजभवन, भाजपा और केंद्र सरकार के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करने की जो परंपरा अपना रखी है, उसी का अनुसरण उनके मंत्री कर रहे हैं। राज्यपाल ने आरक्षण विधेयक सरकार को वापस नहीं लौटाया और संसदीय कार्य मंत्री ने बिना किसी पड़ताल के बयानबाजी करते हुए मंत्री की मर्यादा भंग कर दी। संसदीय इतिहास में ऐसा अजूबा पहली बार सामने आया है। ऐसा लगता है कि इस घटनाक्रम की पटकथा कांग्रेस के दफ्तर में लिखी गई है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे राज्यपाल और छत्तीसगढ़ की जनता से अपने भ्रामक कृत्य के लिए क्षमा मांगें तथा संसदीय कार्य मंत्री के पद से इस्तीफा दें।
श्री कश्यप ने कहा संसदीय कार्य मंत्री ने मीडिया के सामने यह कहा कि मीडिया के माध्यम से कल जानकारी लगी कि राज्यपाल ने विधेयक लौटाया है यानी कि 1 दिन बाद भी सच्चाई को पता किए बिना संसदीय कार्य मंत्री के रूप में उनकी टिप्पणी आना एक साजिश की तरफ इशारा करता है आरक्षण पर कांग्रेस इसी प्रकार केवल जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है।केदार कश्यप ने कहा रविंद्र चौबे जैसे विद्वान व्यक्ति प्रदेश की इतनी बड़ी समस्या पर इस प्रकार का बयान देते है तो बाकियों का क्या हाल होगा।राज्य सरकार के इस कृत्य ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है।