Salary Hike। MP के औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों के लिए गुड न्यूज है। प्रदेश सरकार ने त्यौहार से पहले श्रमिकों को का पारिश्रमिक में इज़ाफा किया है। अब एक अप्रैल से सभी औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों को 25 प्रतिशत अधिक मजदूरी मिलेगी। सभी औद्योगिक एवं असंगठित क्षेत्र से जुड़े ट्रेंड-अनट्रेंड श्रमिकों का मेहनताना 1 अप्रैल 2024 से बढ़ जायेगा। राज्य शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।
Salary Hike।मीडिया रिपोर्ट अनुसार 10 मार्च को सीएम डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर में विभिन्न वर्गाों के मजदूरों और श्रमिकोंकी मजदूरी में भारी वृद्धि करने की घोषणा की थी। साथ ही पार्ट टाइम काम करने वाले मजदूरों को संबल योजना में शामिल करने का ऐलान किया था। इसके बाद अब राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है।बता दे कि वर्ष 2014 के बाद प्रदेश में पहली बार मजदूरों का मजदूरी का पुनरीक्षण किया गया है।
श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि और जनवरी से जून 2019 के औसत अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर दिनांक 1 अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई हैं।Salary Hike
यह अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 311 पर आधारित कर संबंद्ध की गई है। श्रमिकों की वेतन दरें लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जनवरी 2019 से जून 2019 के आंकड़ों के औसत पर आधारित है।Salary Hike
नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 9 हजार 575 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। अर्द्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 10 हजार 571 रुपए प्रतिमाह होगा। कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 12294 जबकि उच्च कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 13919 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
कृषि श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि तथा लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित अखिल भारतीय कृषि श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर 1 अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई है।Salary Hike
नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर कृषि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 7660 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा। बीड़ी श्रमिकों एवं अगरबत्ती श्रमिकों के वेतन में भी देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। न्यूनतम वेतन की दरें किसी भी श्रमिक पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेंगी। वर्तमान वेतन की दरें संशोधित दरों से अधिक है तो वह किसी भी दशा में कम नहीं की जाएंगी, जब तक की न्यूनतम वेतन की दरें उसके समकक्ष नहीं हो जाती हैं।