Sawan Tips: सावन माह शुरू हो चुका है। इसमें 9 दिन बीत चुके है। और 50 दिन अभी और बाकी है। अगर इन दिनों मे भी भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा सच्चे मन से की जाये तो हर कामना की पूर्ति होती है। अधिक मास या मलमास की वजह से 31 अगस्त तक सावन है। इस वजह से सोमवार के व्रत भी आठ हो गए हैं। इस महीने पूजा पाठ से जुड़े नियमों के साथ- साथ हमें खाने- पीने की चीजों में भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि इस सीजन में ऐसी चीजो का सेवन करते हैं तो हम बीमार हो सकते हैं। सावन के महीने में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य है…
सावन में ना करें इन चीजों का सेवन
सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों में पित्त बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है। जिस वजह से हमारे पाचन में भी परेशानी आ सकती है।
सावन के महीने में बारिश ज्यादा होती है और बारिश होने की वजह से हरी पत्तेदार सब्जियों पर कीट पतंगों की संख्या भी काफी बढ़ जाती है। यह कीट पतंगे आपको तो दिखाई नहीं देते परंतु यह आपके पेट में चले जाते हैं। इसीलिए आपको सावन के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
सावन के महीने में पहले से ही नमी और ठंडक रहती है। दही की तासीर भी ठंडी ही होती है, ऐसे में दही का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि हम दही का सेवन करते हैं तो सर्दी जुकाम की समस्याएं हो सकती हैं।
साथ ही, इस महीने आपको दूध और पनीर से बनी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए अर्थात् उनसे दूरी बना लेनी चाहिए।
सावन के महीने को काफी पवित्र माना जाता है। ऐसे में भूलकर भी इस महीने में नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता।सावन के महीने में किसी भी व्यक्ति को भूलकर भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दौरान इन चीजों का सेवन करने से भक्तों को पूजा का फल प्राप्त नहीं होता। सावन के महीने में लहसुन, प्याज और बैंगन खाने से भी बचना चाहिए।
खाने के अलावा सावन में न करें ये काम
सावन के पवित्र माह में किसी भी व्यक्ति का भूलकर भी अनादर नहीं करना चाहिए। मन में उसके लिए नकारात्मक विचार भी नहीं लाना चाहिए. साथ ही अपशब्दों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से महादेव की पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है।
सावन के पवित्र माह में व्रती को जमीन पर सोना चाहिए बिस्तर पर नहीं, साथ ही दिन में भी सोने से बचना चाहिए। मान्यता के अनुसार, जिनका व्रत होता है उन्हें एक समय ही सोना चाहिए। बाकी पूरा दिन शिव भक्ति में लीन रहना चाहिए।
नोट- इस खबर में दी गई जानकारियां धर्म ग्रंथों पर आधारित हैं।इसे एनपीजी न्यूज इनकी पुष्टि नहीं करता है