विशेष संवादाता, रायपुर
निगम महज़ टैक्स लेकर, ट्रेफिक पुलिस यदाकदा चालानी कार्रवाई करके निगम की सड़कों को भगवन भरोसे छोड़ रखा है। जहां से कभी कार निकल जाती थी आज दुपहिया वाहनों की आवाजाही भी नामुमकिन है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अघोषित तौर पर टिकरापारा हटरी से लेकर मठपारा का रास्ता अवैध बाजार चलाने वालों के हाथों में है।
हटरी से सिद्धार्थ चौक और हटरी से हरदेलाला मंदिर मार्ग पर ठेले, खोमचों, सब्जी का पसारा फैलाये लोगों ने यातायात के लिए भयावह स्थिति पैदा कर दिया हैं। आलम यह है कि सड़क-गलियों को बंद कर धंधा कर रहे लोगों को वार्ड पार्षद, जोन कमिश्नर और यातायात पुलिस भी कार्रवाई के बदले मुंह बाय देख रहे हैं।
टिकरापारा हटरी में अमर प्रोविजन से लेकर मंदिर तक की आधी गली और आधी सड़क घेरकर दुकानदारी करने वालों से वहां रहने वाले भी घबराने लगे हैं। गली के गुंडों का इतना खौफ है कि गली बंद कर स्थाई दुकान चलने पर भी कोई रोक नहीं पता। पार्षद, निगम के कब्ज़ा तोड़ने वाले दस्ते तक यहां कार्रवाई से खौफ खाते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो वर्षों से हटरी में लग रहा बाजार अब क्यों परेशानी का सबब बन रहा इस सवाल में ही जवाब छिपा है। हटरी की तस्वीरें और वीडियो देखने से साफ हो जाता है कि गलियों, पक्की स्थाई दुकानों के सामने कब्ज़ा जमाकर बैठे कब्जेधारी खुलकर दादागिरी में उतारू हैं।
सड़क पर पसारा फैलाये लोगों में ज्यादातर वार्ड वाले हैं और कुछ सालों से वहां दुकानदारी कर रहे है। वोट की राजनीती के अलावा टैक्स के नाम पर वसूली कर जिम्मेदारियों से इतिश्री करने वाले इन्हे नाराज़ करने की बजाय हार मान चुके हैं। सुबह 7 बजे से 11 और शाम 4 से 9 बजे तक बेलगाम दुकानदारों की वजह से आम राहगीरों और हटरी की गलियों से निकलना कितना दूभर है यहां रहने वालों से पूछा जा सकता है।
पार्षद सतनाम सिंह पनाग के समय हटरी में निगम की तरफ से करीब 1 करोड़ की लागत से सब्जी और मटन-मछली बेचने वालों के लिए अलग अलग पाटा निर्मित हो चूका है। लेकिन, 5 साल बाद भी आवंटन लटका हुआ है। सूत्रों की माने तो पूर्व पार्षद चाहता है उसके हाथों आवंटन हो जबकि वर्तमान में बीजेपी पार्षद सड़क में ही बैठे लोगों से हारकर यातायात के लिए चुनौती पैदा कर रहा है। बताते हैं कि जितनी दुकाने नहीं उससे ज्यादा दावेदार खड़े हो गए हैं।
हटरी में दो बाजार व्यवस्था के तहत पक्की दो मंजिला पाटा व्यवस्था दी गई है। लेकिन आवंटन संख्या उपलब्ध दुकान संख्या से दुगनी है इसलिए मुश्किलें हैं। तीन जोन कमिश्नर और महापौर से लेकर निगम तक को उचित माध्यमों से जानकारी देने के बाद भी आवंटन नहीं हो सका है। सड़क में पसारा फैलाकर बैठने वालों की संख्या बढ़ी है क्योंकि सभी दुकान पाटा आवंटन चाहते हैं। जिन लोगों ने सड़क और गली में कब्ज़ा कर यातायात बाधित किया है और स्थाई दुकान बनाकर कब्ज़ा किये हैं उन्हें चेतावनी दी जाएगी।