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Teachers Demand Holiday: शिक्षकों की मांग, 45 दिनों के लिए गर्मी की छुट्टी घोषित करे सरकार

Teachers Demand Holiday,MP News : मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षकों (School Teacher) ने इन दिनों अपनी एक मांग को बुलंद कर रखा है. उनका कहना है कि स्कूल बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां (Summer Vacation) हो गई लेकिन शिक्षकों को अभी भी काम करना पड़ रहा है. अतः सूबे की सरकार पड़ोसी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की तर्ज पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी 45 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) लागू करके उन्हें राहत दे.

इसी कड़ी में राज्य के सबसे बड़े शिक्षक संगठन आजाद अध्यापक शिक्षक संघ ने मांग की है कि मध्य प्रदेश में भी छत्तीसगढ़ की तरह शिक्षकों के लिए कम से कम 45 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया जाए.

गौरतलब है कि लगभग 25 साल पहले तक शिक्षकों को दो माह अर्थात 60 दिवस का अवकाश दिया जाता था.वहीं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में सरकारी महकमें फाइव डे वर्किंग यानी 5 दिन कामकाज और 2 दिन अवकाश का प्रावधान लागू है.

हालांकि स्कूल और उच्च शिक्षा में केवल प्रशासनिक कामकाज देखने वालों तक इसे सीमित रखा गया है. पठन-पाठन गतिविधियों में लगे शिक्षक, ग्रंथपाल, खेल अधिकारी और इसी तरह के अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम करने वालों के लिए सिक्स डे वर्किंग और रविवार को अवकाश रखा गया है. इनके लिए शनिवार के दिन छुट्टी का प्रावधान नहीं है.

शिक्षकों का कहना है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मई-जून का महीना भीषण गर्मी का रहता है जिसकी वजह से अध्यापन एवं अध्ययन कार्य संभव नहीं हो पाता है, नौनिहाल इस भीषण गर्मी में स्कूल आने में कतराते हैं. इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते भी शिक्षकों ने अवकाश में चुनाव कार्य में ड्यूटी दी है.

जब से राजीव गांधी शिक्षा मिशन (1996) से अस्तित्व में आया है, तब से शिक्षकों का अवकाश जो 60 दिवस मिलता था, उसको हर चार-पांच साल के अंतर में 45 दिन कर दिया गया.

फिर उस 45 दिन को और कम करके मात्र 30 दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश पनप रहा है. भोपाल(Bhopal) में बैठे उच्च अधिकारी सिर्फ और सिर्फ शिक्षकों को ही ताक में रखकर विभिन्न प्रकार के आदेश शिक्षकों के ऊपर लादते रहते हैं, उनके लिए भी संघ अपनी एक रणनीति बना रहा है.

आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के पदाधिकारी का कहना है कि राजधानी के एयर कंडीशन कमरों में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मालूम होना चाहिए कि 15 अप्रैल के बाद पूरा प्रदेश जब गर्मी से झुलसने लगता है, तब अप्रैल माह में अधिकांश जिलों में स्कूल जिला कलेक्टर के आदेश पर सुबह की पाली में लगने लगते हैं. गिनती के दस फीसदी से ज्यादा बच्चे स्कूल (School ). नहीं आते. मई महीने में जब पूरे प्रदेश का तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा तो कौन माता-पिता अपने बच्चो को पैदल स्कूल भेजेगा.

शिक्षकों को पहले दशहरा, दीवाली, शीतकालीन तथा ग्रीष्मावकाश कुल 90 दिन का मिलता था. शेष अन्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों को नॉन वोकेशनल कर्मचारी मानते हुए उन्हें वर्ष में 30 दिन का अर्जित अवकाश दिया गया है. उन्हें हर माह में द्वितीय एवं तृतीय शनिवार को अवकाश मिलता है. वर्तमान स्थिति में पांच दिन का कार्यालय लगने के कारण कम छुट्टियों वाले कर्मचारी के सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर वर्ष में कुल 87 दिन की छुट्टी मिल रही है.

वहीं ज्यादा छुट्टी पाने वाले शिक्षकों को (सार्वजनिक अवकाश छोड़कर) दशहरा दीवाली, शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन की कुल छुट्टी 53 दिन की हो गई है. शासन से अब पूरे सालभर सप्ताह में पांच दिन स्कूल लगाने की मांग करते हुए अन्य कर्मचारियों की भांति वर्ष में 30 दिन के अर्जित अवकाश की मांग की है.

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