Transfer Policy/राजस्थान (Rajasthan) के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अहम खबर है। Rajasthan में जल्द नई तबादला नीति लागू (Transfer Policy) होने वाली है, जिसके तहत हर साल 30 अप्रैल तक सरकारी कर्मचारियों के तबादले हो सकेंगे।
Transfer Policy/मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, केंद्र की तर्ज पर अब राजस्थान की भजनलाल सरकार भी ट्रांसफर पॉलिसी बनाने जा रही है। इसके तहत नेताओं की जगह अब अफसर तबादले कर सकेंगे। इसके लिए सभी विभागों से सुझाव मांगा गया है और कॉमन एसओपी जारी की गई। इसमें सभी विभागों के एचओडी अधिकारियों से चर्चा कर जरूरत अनुसार सुझाव देने होंगे।इसके बाद राज्य सरकार उन पर विचार करेगी और फिर इस पॉलिसी को लागू की जाएगी। शेष प्रकरणों को छोड़कर सामान्य तौर पर राज्य सरकार ट्रांसफर नहीं करेगी।
Transfer Policy/राज्य सरकार की जारी एसओपी में कहा गया है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 4 अप्रैल को हुई बैठक के निर्देशानुसार सभी विभागों, उपक्रमों, बोर्ड, निगम और अन्य समस्त स्वायत्तशासी संस्थानों में कार्यरत कार्मिकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नई तबादला नीति तैयार की जा रही है।
Transfer Policy/इसके तहत सभी विभाग आवश्यकतानुसार स्वयं के स्तर पर स्टेक होल्डर्स, लाभार्थियों, कर्मचारियों के मुख्य प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे और एक माह में विभाग को तबादला नीति के दिशा-निर्देश तैयार करके भेजेंगे।
Transfer Policy/राज्य सरकार की कॉमन एसओपी के तहत किसी कर्मचारी का 3 साल से पहले तबादला नहीं होगा। इसके लिए हर कर्मचारी को सेवा के 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में रहना होगा । हर विभाग 1 से 15 जनवरी के बीच जिले, उपखण्ड या पंचायत वार खाली पदों की सूची पोर्टल पर अपलोड करनी होगी और बताना होगी कि कितने कर्मचारियों का तबादला होना है। कर्मचारी 1 से 28 फरवरी तक ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद 30 मार्च तक काउंसलिंग कर प्राथमिकता और नियम के अनुसार 30 अप्रैल तक ट्रांसफर सूची जारी करेगा।
तबादलों में कर्मचारियों के साथ काउंसलिंग भी होगी। इसमें दिव्यांग, विधवा, भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी, एकल महिला, पति-पत्नी प्रकरण, असाध्य रोग से पीड़ित, शहीद के आश्रित सदस्य और दूरस्थ इलाकों में तीन साल से कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता मिलेगी।
इसके अलावा कर्मचारी खुद भी पोर्टल के जरिए तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नई तबादला नीति सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों पर राजकीय उपक्रमों पर भी लागू होगी,शेष सभी विभागों में इसी के आधार पर तबादले किए जाएंगे।निर्वाचन विभाग, राज्यपाल सचिवालय और विधानसभा सचिवालय पर यह लागू नहीं होगी।जिस डिपार्टमेंट में 2 हजार से कम कर्मचारी हैं, वहां एसओपी ऐसे ही लागू की जाएगी, लेकिन 2 हजार से ज्यादा कर्मचारी वाले विभागों में सुविधा अनुसार सुझाव शामिल कर पॉलिसी तैयार कर प्रशासनिक सुधार एवं समन्वयक विभाग को भेजनी होगी।