रायपुर। पिछले तीन सालों से शहर में सरकारी यात्री बसों का परिचालन बंद है। कोरोना काल के समय से शहरवासी इस सुविधा से वंचित हैं। एक तरफ आम लोग यात्रा के इस सस्ते साधन के न होने से परेशान हैं वहीं स्मार्ट सिटी ने शहर के कई क्षेत्रों में AC बस स्टॉप का निर्माण करा कर आम जनता की इस परेशानी का मखौल बना दिया है। जनता के जले पर नमक छिड़कने का काम इस बस स्टॉप पर लगे विज्ञापन कर रहे हैं। जिसे देख कर लोग इस बस स्टॉप की उपयोगिता पर सवाल उठा रहें हैं। जब बसों का परिचालन ही नहीं हो रहा तो नए बस स्टॉप बनाने का क्या औचित्य है ? क्या इसे यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया है या इसका इस्तेमाल सिर्फ विज्ञापन डिस्प्ले बोर्ड की तरह किया जाएगा।
टीआरपी की पड़ताल में मिली जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी द्वारा लाखों की लागत से निर्मित इन AC बस स्टॉप पर बसों का रुकना तो शुरू नहीं हुआ है लेकिन विज्ञापन डिस्प्ले पर विज्ञापन लगने ज़रूर शुरू हो गए हैं। इन बस स्टॉप के विज्ञापन डिस्प्ले पर विज्ञापनों का ठेका एक निजी एडवर्टीज़मेंट कंपनी को दिया गया है।
वहीं इन बस स्टॉप को देख कर इस बात का अंदाज़ा भी बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है कि इन्हे यात्रियों की सुविधा के लिए नहीं बल्कि विज्ञापन एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है। इस बात को मरीन ड्राइव पर निर्मित बस स्टॉप साबित करता है। क्योकि इस बस स्टॉप जिस जगह पर बनाया गया है वहां पर रुकने वाली बसें निरंतर ट्रैफिक जाम को न्योता देती रहेंगी। दरअसल ये क्षेत्र शहर के प्रीमियम एडवर्टीज़मेंट स्पॉट में से एक है जहां विज्ञापन के लिए एजेंसियों को मोटी रकम मिलती है। जिसे ध्यान में रखकर यहां इन “बस स्टॉप कम विज्ञापन डिस्प्ले” का निर्माण किया गया है। जबकि इससे पहले भी मरीन ड्राइव से कुछ दूर पर बस स्टॉप बनाया गया था जो यात्रियों की सुविधा और आम जनता के सहूलियत को ध्यान में रख कर बना था। इसके विपरीत वर्तमान में इन AC बस स्टॉप का निर्माण विज्ञापन एजेंसियों की सुविधा को मद्देनज़र रख कर बनाया गया है। जो आम जनता को जानबूझकर परेशानी में ढकेलने का काम करेगी।
ज्ञात हो कि कोरोना काल के बाद से ही राजधानी में AC और नॉन AC बसों का परिचालन बंद है। बसों के संचालन को लेकर रायपुर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर द्वारा मई महीने में दो दिन के भीतर टेंडर प्रक्रिया करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन एक लंबे समय तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। जिसके बाद इस वर्ष जुलाई के महीने में बसों के टेंडर खोले गए। मिली जानकारी के अनुसार तीन साल बाद अब आगामी 15 सितंबर से राजधानी की सड़कों पर फिर से सिटी बसें चलनी शुरू हो सकती है।
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