लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने यूनिसेफ के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी कायाकल्प (एके) योजना शुरू की है।
इस योजना का लक्ष्य राज्य के 1.86 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए अधिक अनुकूल बनाना है। जन्म से लेकर 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों की देखभाल करने वाली, आंगनबाड़ियां हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए प्रारंभिक पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और बाल देखभाल के मुख्य प्रदाताओं में से एक हैं।
हालांकि वे पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी ढंग से सक्षम कर रहे हैं, फिर भी वे ग्रेड 1 में औपचारिक स्कूली शिक्षा में प्रवेश करने से पहले बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने में अक्सर पीछे रह जाते हैं।
एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने कहा, ”परिवर्तन 18 संकेतकों के आसपास किया जाएगा। जिसमें बच्चों के अनुकूल शौचालय, मूत्रालय, समूह हाथ धोने की इकाइयां, रेलिंग के साथ रैंप, स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल का प्रावधान, बिजली, मौजूदा संरचनाओं की मरम्मत, नवीनीकरण और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।”
अभियान के दौरान मौजूदा संरचनाओं की मरम्मत और नवीनीकरण भी किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास और आईसीडीएस मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा, “आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
शिक्षा विभाग और यूनिसेफ द्वारा वास्तविक समय डैशबोर्ड के साथ 18 प्रमुख कायाकल्प संकेतकों पर एक ऑनलाइन मूल्यांकन-सह-योजना उपकरण पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
यूनिसेफ के कुमार बिक्रम ने कहा कि स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण हर बच्चे का अधिकार है। आकर्षक आंगनवाड़ी केंद्र और बच्चों के अनुकूल जल एवं स्वच्छता सेवाएं बच्चों को बीमारियों और कुपोषण से बचाने में मदद करेंगी और बच्चों को केंद्र की ओर आकर्षित करेंगी। ये सभी सुविधाएं बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सेवाएं सुनिश्चित करेंगी और उसके विकास में योगदान देंगी।
The post UNICEF के सहयोग से यूपी में आंगनबाड़ियों का बदलाव होने जा रहा appeared first on CGWALL-Chhattisgarh News.