UP News।चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त नाराजगी का असर दिखने लगा है।
आधा दर्जन जिलों के चकबंदी अधिकारी से लेकर लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गुरुवार को कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया है।
जबकि, कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। इनमें निलंबन से लेकर एफआईआर और यहां तक कि नौकरी से बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की गई है।
चकबंदी आयुक्त की ओर से पिछले एक माह में एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी मिथिलेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां, तीन चकबंदी लेखपाल शिवेश सिंह, शीलवंत सिंह, रवि किरन सिंह और चकबंदीकर्ता राम आसरे को निलंबित कर दिया है।
चकबंदी अधिकारी देवराज सिंह की सेवा समाप्त कर दी गई है। एटा के सहायक चकबंदी अधिकारी सतीश कुमार को पदावन्नत करते हुए मूल वेतन पर नियुक्त किया गया है।
इसी तरह नियमों का उल्लघंन करने एवं लापरवाही पर शामली, हरदोई के सहायक चकबंदी अधिकारी अनंगपाल सिंह और गजराज को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
मऊ के चकबन्दीकर्ता तथा चकबन्दी लेखपाल को निलम्बित करने के निर्देश दिए गए हैं। बस्ती और हरदोई के चकबंदी अधिकारी शरदचन्द्र यादव और प्रेम प्रकाश भारती के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
गोरखपुर के रिटायर बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। जौनपुर के उप संचालक चकबंदी अधिकारी सोमनाथ मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जबकि, पूर्व तत्कालीन बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी शीतलेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मांगी गई है। सुनील कुमार, सहायक चकबन्दी अधिकारी, बरेली तथा अशोक कुमार लाल, सहायक चकबंदी अधिकारी, कौशाम्बी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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