Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हाईवे के लिए बन रही सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू का काम शनिवार को 7वें दिन भी जारी रहा। इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल के नेतृतव में पांच सीनियर अफसरों की टीम भी दुर्घटनास्थल पर पहुंची और बचाव कार्यों का जायजा लिया। इसी बीच खबर आई है कि सुरंग में 40 नहीं, बल्कि 41 श्रमिक फंसे हैं। 41वें व्यक्ति का नाम दीपक कुमार (पुत्र शत्रुघ्न) है, जो बिहार के मुजफ्फरपुर के गिजास टोला का निवासी है। शनिवार को इंदौर से तीसरी ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी यहां लाई गई।मशीन के पार्ट्स भी पहुंच चुके हैं। मशीन को असेंबल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार उत्तरकाशी के सिलक्यारा में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट ले रहे हैं। उनका कहना है, “जितनी जल्दी संभव हो, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जाए। हम अभी रेस्क्यू पूरा करने का समय निर्धारित नहीं कर सकते हैं। लेकिन हम ये देख रहे हैं कि हम किस रास्ते टनल में फंसे लोगों के पास जल्दी पहुंच सकते हैं।”
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय से पांच सीनियर अफसरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल रेस्क्यू स्थल पर पहुंची। टीम में मंगेश घिल्डियाल के अलावा जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी, उप सचिव महमूद अहमद, ओएसडी-टूरिज्म भास्कर खुल्वे और एक्सपोर्ट इंजीनियर अरमांडो कैपलैन शामिल हैं। यह टीम रेस्क्यू टीम के साथ समन्वय बनाकर काम करेगी। पीएमओ से आई 5 सदस्यीय अफसरों की टीम भी सिलक्यारा पहुंची और यहाँ आकर रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण किया।
जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी ने कहा, “हम इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि रेस्क्यू में और क्या-क्या किया जा सकता है। विचार-विमर्श से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसी मुताबिक काम को आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री पल-पल का अपडेट ले रहे हैं!”
पीएमओ में उप सचिव भास्कर खुल्बे ने कहा, “हमारी प्राथमिकता सात दिन से सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की है। हम फंसे लोगों के पास जल्द पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। विदेशी एजेंसियां जो हमारे देश में तकनीकी कार्यों में लगी हैं, उन सबकी मदद भी ली जा रही है। विदेशी विशेषज्ञ भी इसमें हाथ बंटा रहे हैं। नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे हैं। रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलियाई कंसल्टेंसी कंपनी के एक्सपर्ट भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं।”
सिलक्यारा सुरंग से मलबा हटाने में दो ऑगर मशीनें पहले से लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि इन भारी मशीनों से ड्रिलिंग के दौरान सुरंग में कंपन हो रहा है। इससे और मलबा गिरने का खतरा बढ़ गया है। सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन 1750 हॉर्स पॉवर की है। अभी तक पांच पाइपों को जोड़कर सुरंग में डाला गया है।
शुक्रवार की शाम एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया था कि अमेरिकी ऑगर मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग का काम किया जा चुका है। इसके बाद मशीन में खराबी आ गई, जिस कारण ड्रिलिंग रुक गई। अब इंदौर से तीसरी ऑगर ड्रिलिंग मशीन लाई गई है।